Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा (Vijay Sharma) बुधवार (22 मई) को अपने एक दिवसीय प्रवास पर बस्तर पहुंचे थे. यहां उन्होंने सबसे पहले बीजेपी कार्यालय पहुंचकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियो से मुलाकात की. इसके बाद बस्तर संभाग के पत्रकारों से नक्सलियों से शांति वार्ता को लेकर और पुनर्वास नीति में सुझाव को लेकर चर्चा की. विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार बस्तर में नक्सलियों से शांति वार्ता कर इस समस्या का हल तलाशना चाह रही है, जिसके लिए देश का चौथा स्तंभ इसकी मुख्य कड़ी है.


गृहमंत्री विजय शर्मा ने पुनर्वास नीति में सुझाव के लिए एक पत्र जारी किया है. बकायदा इसके लिए गृहमंत्री ने अपनी ईमेल आईडी और गूगल फॉर्म जारी कर बस्तर में खासकर नक्सल समस्या को लेकर रिपोर्टिंग कर रहे स्थानीय पत्रकारों से सुझाव मांगे हैं. गृहमंत्री ने यह भी कहा कि मुठभेड़ से नक्सलवाद के समस्या का समाधान नहीं होने वाला है. इसलिए लगातार प्रदेश सरकार नक्सलियों से शांति वार्ता की अपील कर रही है और समाधान तलाश रही है.


'सुझाव के अनुसार पुनर्वास नीति में होगा बदलाव'
दरअसल गृहमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को बस्तर संभाग के एक-एक पत्रकारों से बस्तर में नक्सलवाद को लेकर चर्चा की. गृहमंत्री ने कहा कि नक्सलियों के लिए पुनर्वास हेतु एक सुझाव पत्र बनाया गया है. इसमें पुनर्वास नीति में किन-किन चीजों को शामिल किया जाना है और कैसे ज्यादा से ज्यादा नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना है. इसके लिए पत्र के माध्यम से सभी पत्रकारों से सुझाव मांगे हैं. इन सुझाव के आधार पर पुनर्वास नीति में बदलाव करने की बात कही है.


इसके अलावा गृहमंत्री ने कहा कि बस्तर में लगातार हो रहे मुठभेड़ से नक्सल समस्या का समाधान नहीं निकल सकता है. बातचीत से ही नक्सल समस्या का हल हो सकता है. इसके लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि इससे  पहले भी कई बार वो कह चुके हैं कि नक्सली उनसे फोन के माध्यम से या वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बातचीत कर सकते है, लेकिन अब तक उनके पास ऐसा कोई फोन कॉल नहीं आया है.


उनका कहना है कि पिछले चार दशकों से खासकर बस्तर नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. सरकार और नक्सलियों के बीच  कड़ी के रूप में यहां की मीडिया काम कर रही है. इसलिए मीडिया के माध्यम से इस समस्या का हल सुलझाने के लिए इस तरह के सुझाव पत्र जारी किए गए हैं.


गृहमंत्री ने क्या कहा?
गृहमंत्री ने कहा कि वो नक्सलियों से  शांति वार्ता के लिए किसी भी वक्त बिल्कुल तैयार हैं. इधर पत्रकारों ने भी पुनर्वास नीति के लिए अपने-अपने सुझाव गृहमंत्री को दिए. वहीं गृहमंत्री विजय शर्मा ने बीजापुर जिले के पीड़िया में बीते 10 मई को हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए लोगों को नक्सली बताया है.


गृहमंत्री ने कहा कि मुठभेड़ में जिन 12 नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया है उनके खिलाफ बीजापुर के अलग-अलग थाना में पुराने रिकॉर्ड में कई एफआईआर दर्ज है. ऐसे में इसे फर्जी मुठभेड़ नहीं कहा जा सकता है. 


उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि फेक एनकाउंटर का आरोप लगाकर कांग्रेस के लोग सुरक्षा बलों का मनोबल गिरा रहे हैं. इससे पहले भी कांकेर में 29 नक्सलियों का एनकाउंटर किया गया था और नक्सलियों ने भी माना था कि उनके साथी ही मारे गए थे. इधर उनके बस्तर दौरे को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर गृहमंत्री ने कहा कि यहां की जनता चाहती थी तभी मैं बुलेट प्रूफ गाड़ी में आया और अगर यही जनता चाही तो मैं अगली बार ऑटो में आऊंगा.



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