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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार (12 दिसंबर) को सुकमा जिले में 'पूना मारगेम पुनर्वास से पुनर्जीवन' कार्यक्रम के तहत दरभा डिवीजन कमेटी सहित विभिन्न नक्सली संगठनों से जुड़े 10 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण को ऐतिहासिक और सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक बताया.

सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प अब केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि तेजी से साकार होती वास्तविकता बन रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध लड़ाई अब अपने निर्णायक मोड़ पर है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आत्मसमर्पण इस बात का प्रमाण है कि बस्तर में अब हिंसा, भय और भटकाव की विचारधारा कमजोर पड़ रही है, जबकि विकास, विश्वास और संवाद की राह मजबूत हो रही है.

'हिंसा सेवर्तमान औरही भविष्य सुरक्षित'

उन्होंने कहा कि हिंसा के रास्ते परवर्तमान सुरक्षित होता है औरही भविष्य. छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पुनर्वास नीति आत्मसमर्पण करने वालों को सम्मान, सुरक्षा, आजीविका और समाज में पुनर्स्थापना की ठोस गारंटी देती है. मुख्यधारा में लौटकर ये लोग अपने परिवारों के साथ एक स्थायी, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन की नई शुरुआत कर सकते हैं.

सरकार का लक्ष्य साफ है- सीएम साय

सीएम साय ने स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य पूरी तरह स्पष्ट है, छत्तीसगढ़ को पूर्णतः नक्सलवाद मुक्त बनाना और बस्तर को विकास, विश्वास और अवसरों की नई पहचान देना. उन्होंने सरेंडर करने वाले कैडरों के निर्णय का स्वागत करते हुए अन्य भटके युवाओं से भी अपील की कि वे हिंसा का मार्ग छोड़कर लोकतांत्रिक व्यवस्था और विकास की मुख्यधारा से जुड़ें.

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार के समन्वित प्रयासों से सुरक्षा बलों की सशक्त कार्रवाई, विकास योजनाओं का विस्तार और पुनर्वास आधारित मानवीय दृष्टिकोण, तीनों मिलकर बस्तर में परिवर्तन की नई कहानी लिख रहे हैं.