Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ विधानसभा ने बुधवार को राज्य में ऑनलाइन और ऑफलाइन हर तरह के जुआ पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पारित किया. विधेयक के अनुसार, ‘जुआ’ में बाजी लगाना और दांव लगाना अथवा आर्थिक लाभ के लिए ऑनलाइन बाजी या दांव लगाना शामिल है. लेकिन लॉटरी शामिल नहीं है. राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बुधवार को छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) विधेयक, 2022 सदन में पेश किया. विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के कथन में कहा गया है कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा देना राज्य सरकार का कर्तव्य है.


छह महीने तक का कारावास
विधेयक का विस्तार संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य होगा और राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से यह लागू होगा. विधेयक के अनुसार, कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर जुआ खेलते या सहायता करते या उकसाते हुए पाया जाता है, उसे छह महीने तक का कारावास या कम से कम तीन हजार से 10 हजार रुपए जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा. विधेयक में कहा गया है कि जहां यह ​अधिनियम लागू होगा वहां किसी घर, कमरे, टेंट, अहाते, जहाज, यान, आनलाईन प्लेटफार्म या स्थान को कोई व्यक्ति जुआ घर के रूप में खोलेगा या चलाएगा उसे पहली बार अपराध करने पर कम से कम छह माह से तीन वर्ष का कारावास और 50 हजार रुपए तक का जुर्माना तथा इसके बाद कम से कम दो से पांच वर्ष कारावास तथा एक लाख रुपए तक का जुर्माना से दंडित किया जा सकेगा.


विधेयक के अनुसार, जो कोई भी ऑनलाइन जुआ खेलते, सहायता करते या उकसाते हुए पाया जाएगा, उसे पहली बार अपराध के लिए कम से कम एक से तीन वर्ष तक कारावास तथा 50 हजार से पांच लाख रुपए तक जुर्माना से दंडित किया जा सकेगा. यदि वह अपराध दोहराता है तब ऐसे अपराधियों को कम से कम दो वर्ष से सात वर्ष तक कैद और एक लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक जुर्माना से दंडित किया जा सकेगा. विधेयक में कहा गया है कि जो कोई व्यक्ति जुआ या ऑनलाइन जुआ के लिए स्वेच्छा से अपना बैंक खाता, मोबाइल एप वॉलेट खाता या कोई अन्य खाता उपलब्ध कराता है और उससे लाभ अर्जित करता है तब उसे कम से कम छह माह कारावास और दस हजार रुपए तक जुर्माना या दोनों से दंडित किया सकेगा.


विधेयक में कहा गया है कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जुए के खेल का विज्ञापन प्रतिबंधित होगा. नियम का उल्लंघन करने पर तीन साल तक की कैद और 50 हजार रुपए तक जुर्माना का प्रावधान किया गया है. विधेयक में जुए से संबंधित अपराध में लिप्त कंपनी तथा ऐसे मामलों में गिरफ्तार किए गए लोगों द्वारा झूठे नाम और पता देने पर भी सजा का प्रावधान किया गया है.


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