Chhattisgarh Assembly Elections 2023: छत्तीसगढ़ चुनावी मुहाने पर खड़ा है. विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) की चुनावी तैयारी तेजी से चल रही हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) भी ज्यादा पीछे नहीं है. चुनावी साल में आप सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind kejariwal) और पंजाब के सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) चौथी बार छत्तीसगढ़ दौरे पर आने वाले हैं. रायपुर और बिलासपुर के बाद अब आम आदमी पार्टी का फोकस बस्तर संभाग पर है. यहां के जगदलपुर (Jagdalpur) में आने वाले 16 सितंबर को आम आदमी पार्टी की बड़ी जनसभा होनें वाली है.

  


दरअसल, पांच मार्च को रायपुर के जोरा ग्राउंड में केजरीवाल की पहली सभा हुई. इसके बाद दो जुलाई को बिलासपुर में बड़ी चुनावी सभा हुई. इसके बाद 19 अगस्त को रायपुर में अरविंद केजरीवाल ने छत्तीसगढ़ के लिए 9 गारंटी की घोषणा कर दी. वहीं अब अरविंद केजरीवाल 16 सितंबर को जगदलपुर में बड़ी चुनावी सभा करने आ रहे हैं. माना ये भी जा रहा है की आदिवासी बहुल क्षेत्र बस्तर में अरविंद केजरीवाल आदिवासियों के लिए बड़ी घोषणा करने वाले हैं. इसमें आम आदमी पार्टी की छत्तीसगढ़ के लिए गारंटी कार्ड की 10वीं घोषणा होने वाली है.


जगदलपुर में 1 लाख लोगों की भीड़ जुटाने का दावा
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान के बस्तर दौरे को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने बताया कि लंबे अरसे से बस्तर के हजारों कार्यकर्ता इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. जगदलपुर में आप सुप्रीमो केजरीवाल और सीएम भगवंत मान की आयोजित जनसभा को लेकर प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है. हमारे दोनों नेता 16 सितंबर को जगदलपुर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे. इसकी तैयारी छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं ने शुरू कर दी है. इस जनसभा में एक लाख लोगों को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे पूरा करने के लिए सभी कार्यकर्ता जुट गए हैं.


बस्तर क्यों खास है?
बता दें कि बस्तर संभाग की सात जिलों में 12 विधानसभा सीटे हैं. ये 12 की 12 विधानसभा सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं. बस्तर आदिवासी इलाका और नक्सलगढ़ के रूप जाना पहचाना जाता है, लेकिन अब टूरिज्म सेक्टर से बस्तर की नई पहचान बन रही है. देश विदेश के पर्यटक बस्तर के प्राकृतिक नजारे को देखने आ रहे हैं. वहीं बस्तर में शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं अब भी पीछे हैं. जंगल में रहने वाले नक्सली बस्तर के विकास के रोड़ा बन रहे हैं.


हालाकिं सुरक्षा बलों के लगातार बढ़ते कैंप के कारण यहां सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. इसके अलावा बस्तर में खनिज संपदा की भी भरमार है. यहां माइनिंग को लेकर बस्तर के आदिवासी नाराजगी जताते हैं. 


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