Chhattisgarh Assembly News: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) में पेश एक रिपोर्ट में कहा है कि राज्य सरकार शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को लेकर अपनी शक्तियों क जिस तरह इस्तेमाल रही है, वह 74वें संविधान संशोधन की भावना के खिलाफ है.


भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्ट शहरों के बनने से शहरी स्थानीय निकायों की जगह खत्म हो गई.


कोरबा को छोड़कर, किसी निगम में वार्ड और मोहल्ला समितियों का गठन नहीं


रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोरबा नगर निगम को छोड़कर, 27 में से किसी भी निगम में वार्ड और मोहल्ला समितियों का गठन नहीं किया गया है.


सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है, ''महानगर योजना के लिए समिति के गठन को छोड़कर, राज्य अधिनियमों/नियमों ने 74वें सीएए में परिकल्पित सभी आवश्यकताओं का अनुपालन किया गया है.


लेखा परीक्षा में मिली ये विशेष जानकारी


लेखा परीक्षा में पाया गया है कि कानूनी प्रावधानों के अनुसार निर्णायक कार्रवाई नहीं की गई, जो कि 74वें संविधान संशोधन की भावना के विरुद्ध है. यह भी देखा गया है कि राज्य सरकार शहरी स्थानीय निकायों को लेकर जिस तरह अपनी शक्तियों का इस्तेमाल रही है, वह 74वें संविधान संशोधन की भावना के खिलाफ है.'


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