Chhattisgarh Sanskrit Vidya Mandal: छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडल में हैरान करने वाला कारनामा सामने आया है. यहां 10वीं की परीक्षा में हुए अजीबो गरीब कारनामे ने हर किसी को चौंका दिया है. यहां हालत यह है कि जिसने परीक्षा ही नहीं दी, वो टॉपर बन गई है. ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि जिसने परीक्षा ही नहीं दी, उसे आखिर छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडल ने टॉपर कैसे बना दिया. छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडल में यह गड़बड़ी सामने आने के बाद यहां की परीक्षा प्रणाली और अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं.


बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही संस्कृत बोर्ड ने 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी किया था. इनमें 10वीं में तीसरे नंबर पर टॉपर मोहनमती 44 वर्षीय का नाम है. जबकि मोहनमती को खरसिया स्थित दीपांशु संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय औरदा (रायगढ़) से पढ़ाई की बात बताई. मोहनमती का रिजल्ट 83.71 बताया गया है, जबकि यह परीक्षा में बैठी ही नहीं थीं. 


पेपर न देकर किया टॉप
संस्कृत बोर्ड के अनुसार मोहनमती का फार्म पहले ही तकनीकी कारणों से रिजेक्ट किया जा चुका है. इस वजह से वो परीक्षा में नहीं बैठी थीं. जबकि रोल नंबर 24102722 जिसे मेरिट सूची में मोहनमती का बताया गया था, वो मोहनमती का ना होकर दूसरी छात्रा का है. छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम रायपुर की सचिव अलका दानी ने कहा कि कक्षा पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष नौवीं से उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष 12वीं तक का वर्ष 2024 का परीक्षा परिणाम 15 मई को घोषित किया गया था. 


परीक्षा परिणाम के साथ कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं की अस्थायी प्रावीण्य सूची जारी की गई थी. इसमें लिपकीय त्रुटियों के कारण उक्त सूची को निरस्त किया जाता है. नई प्रावीण्य सूची विद्यामंडलम द्वारा बाद में जारी की जाएगी.


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