BSF-ITBP Jawan in Chhattisgarh:  नक्सलवाद का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर में जल्द ही अतिरिक्त फोर्स की तैनाती होने वाली है. पिछले कुछ सालों से उत्तर बस्तर में तैनात ITBP (भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस) और BSF (सीमा सुरक्षा बल) के जवानों की अब दक्षिण बस्तर में भी तैनाती की रणनीति बनाई गई है. दरअसल, अब तक कांकेर, नारायणपुर जिले के क्षेत्र में ही आईटीबीपी और बीएसएफ फोर्स की तैनाती थी लेकिन अब संभाग के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और बस्तर में भी आईटीबीपी और बीएसएफ के जवानों की तैनाती की योजना बनाई गई है.


दरअसल, माना जा रहा है कि इन दोनों फोर्स के ऑपरेशन में कैजुअल्टी का रेट बहुत कम है और ऑपरेशन का सक्सेस रेट ज्यादा है. ऐसे में इस फोर्स को बस्तर के बाकि हिस्सों में भी उतारा जा रहा है. बताया जा रहा है कि पहली पोस्टिंग अबूझमाड़ इलाके में की जाएगी. यह इलाका नक्सलियों का काफी सेफ जोन माना जाता है. ऐसे में अब इस इलाके में भी आईटीबीपी और बीएसएफ के नए कैंप खोलने की तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के साथ ही अब बीजेपी सरकार नक्सलियों के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा ऑपरेशन लॉन्च करने के साथ अपने रणनीति में भी बदलाव कर रही है.


संभाग के सभी नक्सल प्रभावित जिलों में होगी तैनाती
नए साल के आगमन के साथ ही नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बड़े ऑपरेशन लॉन्च करने की तैयारी में है. पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि अब उत्तर और दक्षिण बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ बीएसएफ के 3 हजार और आईटीबीपी के 4 हजार से ज्यादा जवान तैनाती की रणनीति बनाई गई है. यह पहला मौका है जब बस्तर संभाग के दक्षिण इलाके में बीएसएफ और आईटीबीपी के जवानों को नक्सल मोर्चे पर उतारा जा रहा है. 


इससे पहले यह दोनों ही फोर्स केवल कांकेर और नारायणपुर जिले के कुछ हिस्सों में अपनी सेवाएं दे रहे थे लेकिन अब इन्हें पुरे बस्तर संभाग के अलग-अलग नक्सल प्रभावित जिलों में तैनाती की रणनीति बनाई गई है. आईटीबीपी और बीएसएफ देश के सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा बलों में से एक है. इन सुरक्षा बलों की उत्तर बस्तर के कुछ इलाके में तैनाती के बाद नक्सली काफी बैकफुट पर है. 


खास बात यह है कि इन दोनों फोर्स के ऑपरेशन में कैजुअल्टी का रेट बहुत कम है और ऑपरेशन का सक्सेस रेट ज्यादा है. एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान इन दोनों ही फोर्स के जवानों को कई बार बड़ी सफलता हाथ लगी है. ऐसे में अब नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और बस्तर के अलावा अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में भी बीएसएफ और आईटीबीपी जवानों की तैनाती की जाएगी. बताया जा रहा है कि आने वाले कुछ महीनो में दोनों ही फोर्स के करीब 7 से 8 हजार जवानों को इन इलाकों में तैनात किया जाएगा.


अबूझमाड़ में होगी पहली पोस्टिंग
बस्तर पुलिस के आला अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक इन दोनों ही फोर्स की अभी पहली पोस्टिंग अबूझमाड़ के क्षेत्र में होगी. दरअसल अबूझमाड़ के लगभग 237 गांव में करीब 40 हजार लोग रहते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में आदिवासी है. वर्तमान में क्षेत्र में कोई स्थाई केंद्रीय या राज्य पुलिस कैंप नहीं है. अतिरिक्त जवानों की तैनाती के पीछे ऑपरेशन के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों को गति देना है. इसके अलावा आजादी के 75 साल बाद इन इलाकों में आदिवासियों तक सरकार की योजना पहुंचाने के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती इन इलाकों में की जा रही है.


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