Chhattisgarh Budget Session 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दो सरकारी अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करते हुए दावा किया कि बजट सत्र के पहले दिन सदन में अंग्रेजी में पढ़े गए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन के अभिभाषण और विधायकों को वितरित की गई इसकी हिंदी प्रति में “अंतर” है.


बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने शून्य काल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि देश के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. चंद्राकर ने राज्यपाल के अभिभाषण के अंग्रेजी संस्करण से राज्य में सरकारी नौकरियों में आरक्षण व शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश से संबंधित बिंदु को पढ़ा और दावा किया कि यह विधायकों को वितरित की गई हिंदी प्रति से अलग है.चंद्राकर ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया है.


विधानसभा में इस बात पर हुआ हो गया हंगामा


बता दें कि छत्तीसगढ़ में चल रहे बजट सत्र के दौरान 13 मार्च को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने खुद के सरकार के मंत्री रविंद्र चौबे को ही घेर लिया. पीसीसी चीफ ने कोंडागांव में डीएमएफ फंड के सात करोड़ रुपये में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. इस मामले में मोहन मरकाम ने मंत्री रविंद्र चौबे से विधानसभा समिति से जांच की मांग की है. इस मामले पर विधानसभा में लंबी बहस चली विपक्ष ने मोहन मरकाम का साथ दिया और मंत्री रविंद्र चौबे से जांच करवाने की मांग करने लगे.


विपक्ष को मिल गया मुद्दा


कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया. इस पर बीजेपी को घर बैठे मुद्दा मिल गया है. बीजेपी के नेताओं ने विधानसभा में कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को अपनी सरकार पर भरोसा नहीं है. उनको इस्तीफा दे देना चाहिए. बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने मंत्री रविंद्र चौबे से कहा कि आपकी पार्टी के अध्यक्ष इतना बड़ा आरोप लगा रहे हैं, अपको तो इस्तीफा दे देना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि पूरे प्रदेश में डीएमएफ फंड में बंदरबाट चल रही है.


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