Chhattisgarh UBGL Blast: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ जारी जंग में प्रेशर आईईडी, स्पाईक होल और यूबीजीएल की चपेट में आने से निर्दोष ग्रामीणों की लगातार मौत हो रही है, वहीं सोमवार को भी दो मासूम बच्चे भी खेलते खेलते जिंदा यूबीजीएल की चपेट में आ गए जिससे मौके पर ही दोनों बच्चों की मौत हो गई. इस घटना के बाद परिवारवालों में मातम छाया हुआ है. बच्चों के परिजनों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.


जानकारी के मुताबिक जिंदा UBGL से ब्लास्ट इतना जबरदस्त हुआ कि उनकी मौत हो गई, हालांकि यह जिंदा यूबीजीएल खेत में कैसे आया इस बात का  अब तक  पता नही चल सका है, लेकिन आए दिन नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों द्वारा प्लांट प्रेशर आईईडी, टिफिन बम और BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) स्पाईक होल की चपेट में  आकर निर्दोष ग्रामीणों की मौत हो रही है.


खेत में पड़ा था जिंदा यूबीजीएल


बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के भैरमगढ़  थाना क्षेत्र के इंद्रावती नदी पार बसे बोड़गा गांव के ओड़सापारा में ग्रामीण तेंदूपत्ता की तोड़ाई कर रहे थे और बगल खेत में ही जिंदा यूबीजीएल पड़ा हुआ था. गांव के दो मासूम बच्चे खेलते खेलते यूबीजीएल के चपेट में आ गए और यह UBGL ब्लास्ट हो गया, जिससे दोनों मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई.


 एसपी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान कभी नक्सलियों द्वारा जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए यूबीजीएल  से फायर किया गया था,लेकिन यह यूबीजीएल फटा नहीं और उसके बाद यहां खेल रहे दो बच्चे यूबीजीएल की चपेट में आ गए जिससे ऐसा धमाका हुआ कि दोनों मासूम बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई. इन बच्चों में बोड़गा गांव निवासी लक्ष्मण ओयाम पिता मुन्ना ओयाम उम्र लगभग 13 साल और बोटी ओयाम  पिता कमल ओयाम उम्र लगभग 11 साल की बताई जा रही है. इधर सूचना मिलने के बाद भैरमगढ़ थाना से पहुंचे जवानों की टीम ने गांव वालों से संपर्क कर उचित वैधानिक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.


हर साल आईईडी ब्लास्ट की घटना में होती है मौत


बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों द्वारा जवानों के लिए प्लांट किए जाने वाले प्रेशर आईईडी,टिफिन बम और BGLसे बीते 4 महीनो में यह आठवीं मौत है. हर साल आईईडी की चपेट में आकर 20 से ज्यादा निर्दोष ग्रामीणों की मौत हो रही है.इसके अलावा पालतू मवेशी भी आईईडी की चपेट में आकर मारे जा रहे हैं.


 मारे गए इन निर्दोष ग्रामीणों के परिजनों द्वारा हर बार सरकार से जिला प्रशासन से न्याय की और मदद की गुहार लगाई जाती है, लेकिन बस्तर में नक्सलवाद इन ग्रामीणों के लिए अभिशाप बना हुआ है, इधर बोड़गा गांव के ग्रामीणों के द्वारा नम आंखों से ब्लास्ट में मारे गए दोनों मासूम बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया.


ये भी पढ़ें: धमतरी में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 5 लाख का इनामी मंगल मड़काम ढेर, हथियार और विस्फोटक बरामद