Bhupesh Baghel Meet Mallikarjun Kharge: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद संगठन में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इधर चुनाव के ठीक पहले  छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी बदलाव के आसार दिखाई दे रहे हैं. राज्य में नेताओं को नई जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. इसका इशारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर दिया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से सीएम बघेल की मुलाकात को लेकर चर्चा तेज है.  


छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के संगठन में बदलाव के संकेत


दरअसल शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने के बाद शनिवार को रायपुर हेलीपेड में बयान दिया है. उन्होंने बताया है कि संगठन में बदलाव के लिए उनकी बातचीत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से हुई है. उन्होंने मीडिया से कहा कि रायपुर महा अधिवेशन में सीडब्ल्यूसी का चुनाव होना था.  निकट भविष्य में सीडब्ल्यूसी के मेंबर के सलेक्शन होने हैं. एससी, एसटी, ओबीसी महिला और युवाओं का समावेश होगा. इसके लिए अध्यक्ष से मैंने ही निवेदन किया कि इसको कब तक करेंगे. संगठन में तो होना है. उसके बाद महामंत्री की नियुक्ति होनी है. उसके बाद सारी नियुक्तियां होंगी. 


जल्द बदलाव के लिए हो सकता है निर्देश


इसका असर छत्तीसगढ़ में भी दिखा सकता है. क्योंकि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम का कार्यकाल पिछले साल ही समाप्त हो गया है. इसके बाद से नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थी. वहीं माना जा रहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जल्द ही संगठन में बदलाव को लेकर निर्देश जारी किया जा सकता है. हालाकि पहले सीडब्ल्यूसी के सदस्यों का चयन हो सकता है. इसके बाद ही संगठन के बाकी नियुक्तियों को लेकर फैसला हो सकता है.


छत्तीसगढ़ में इस वर्ग के लोगों को मिल सकती है पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी


आपको बता दें कि कांग्रेस के महाअधिवेशन के बाद से सीडब्ल्यूसी से लेकर कांग्रेस के सभी संगठनों में एससी एसटी ओबीसी महिला और युवाओं की हिस्सेदारी बढ़ेगी. अध्यक्ष चुनाव के बाद जितने भी कमेटियां है सीडब्ल्यूसी के साथ समाप्त हो गया. अब नई नियुक्तियों के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास अधिकार है. इस लिहाजा से नई नियुक्तियों में इन एससी एसटी ओबीसी महिला और युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी मिलेगी. इसमें छत्तीसगढ़ के संगठन में बदलाव हुए तो इन वर्गों के लोगों की भागीदारी मिल सकती है.


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