Bemetra Blast Case: बेमेतरा में बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट हादसे में नौ मजदूरों की मौत हो गई है. बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट की गूंज पांच किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. पूरी बारूद फैक्ट्री खंडहर हो कर मलबे में तब्दील हो गई. कई मजदूरों की मलबे में दबकर मौत होने की आशंका है. घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. 

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सरकार की तरफ से मृत मजदूरों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है तो वहीं स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड बारूद फैक्ट्री की तरफ से पांच लाख मुआवजा की बात कलेक्टर ने कही है ..

परिजनों ने किया हंगामावहीं घटना के तीसरे दिन आज बेमेतरा के तहसीलदार मृतक मजदूरों के परिजनों के पास पहुंचे, जहां उन्हें पांच लाख का चेक देने की कोशिश की, जिसको लेकर मृतक के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने कहा कि किसी भी हालत में हम यह चेक नहीं लेंगे. इसके बाद तहसीलदार को बैरंग लौटना पड़ा.

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कंपनी का चेक तहसीलदार के देने पर सवालवहीं ये घटना कई तरह के सवाल खड़े करती है कि आखिर सरकार का कर्मचारी तहसीलदार वह कंपनी का चेक लेकर मृतक मजदूर के परिजनों के पास क्यों पहुंच रहा है? क्या कंपनी प्रबंधन की तरफ से कोई जिम्मेदार नहीं है, जो मृतकों के परिजनों से मुलाकात करें उन्हें सांत्वना दें? मृतक मजदूरों के लिए उचित मुआवजे की बात क्यों नही की जा रही.

कोई सुरक्षा मानक नहींमृतक मजदूरों के परिजनों से बात की उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगा रहे है उनका कहना है कि प्रबंधन को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए. साथ ही फैक्ट्री में किसी तरह का कोई सुरक्षा मानक नहीं प्रयोग किया जाता था मजदूरों को कोई ट्रेनिंग नहीं दी जाती थी यहां पर काम करने वाले मजदूर ना ही उन्हें हेलमेट दिया जाता था ना ही जूते वह अपने घर के ही चप्पलों को पहन कर काम करते थे.

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