Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में पिछले दिनों नेशनल हाईवे 30 पर एक यात्री बस के ठोकर से कार सवार पांच लोगों की आकस्मिक मौत हो गई थी. इस मामले में जगदलपुर शहर के युवाओं ने तेज रफ्तार और क्षमता से अधिक यात्रियों को बस में सवार करने और अन्य मामलों को लेकर बस मालिकों के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. युवाओं के द्वारा नेशनल हाईवे 30 पर लगभग डेढ़ घंटे तक चक्काजाम करने के बाद अब आरटीओ (RTO) हरकत में आते हुए यात्री बसों पर कार्यवाही करना शुरू कर दी है.

कई महीनों से हो रही थी शिकायतबसों के अधूरे कागज, फिटनेस सर्टिफिकेट के अभाव में और ओवरलोड की जांच करते हुए आरटीओ ने सोमवार को 60 यात्री बसों पर कार्रवाई करते हुए लगभग एक लाख जुर्माना वसूला है. दरअसल पिछले कई महीनों से लगातार शिकायत के बावजूद भी बेलगाम दौड़ रही यात्री बसों पर कार्यवाही नहीं की जा रही थी. इस दुर्घटना के बाद जागरूक युवाओं के प्रदर्शन से जागी आरटीओ लगातार बस्तर जिले में अर्न्तराज्जीय बसों और दूसरे राज्यों तक चलने वाली यात्री बसों पर कार्रवाई शुरू कर दी है.

60 यात्री बसों पर की गई चालानी कार्यवाहीबस्तर के आरटीओ ऋषभ नायडू ने जानकारी देते हुए बताया कि बेलगाम दौड़ने वाली यात्री बसों के खिलाफ आरटीओ (RTO) अभियान चला रही है. इसके तहत सोमवार को लगभग 60 यात्री बसों की जांच की गई इन बसों में दस्तावेज अधूरे या गायब मिले ,वही फिटनेस के कागज सही नहीं थे. वहीं ड्राइवर ,कंडक्टर बगैर वर्दी के नजर आए. इसके अलावा क्षमता से अधिक लोगों को बसों में बैठाया गया था. सड़कों पर बेलगाम दौड़ रही इन यात्री बसों के खिलाफ कार्यवाही की गई. क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ऋषभ नायडू ने बताया कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा.

बस मालिकों के खिलाफ होगी कार्रवाईअगर इन यात्री बस के मालिक नियमों का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, अब तक 80 से अधिक यात्री बसों पर कार्रवाई की गई है. वहीं यह भी शिकायत मिली है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए चलने वाली यात्री बसों में क्षमता से अधिक सवारियों को बसों में बैठाया जाता है. इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. ऐसे में उनके खिलाफ भी लगातार अभियान चलाकर कार्यवाही की जाएगी.

ग्रामीण यात्रियों के जान से हो रहा खिलवाड़गौरतलब है कि बस्तर जिले से बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों में काम की तलाश में पलायन करते हैं. इस दौरान जिले के केशलूर इलाके में यात्री बसों में इन ग्रामीण यात्रियों को भेड़ बकरियों की तरह ठूस-ठूस कर बैठाया जाता है. कई बार ग्रामीण खड़े होकर ही लगभग 200 से 300 किलोमीटर की यात्रा तय करते हैं. इसके बावजूद सुविधा के नाम पर इन्हें कुछ नहीं दिया जाता है और मनमाने किराया भी वसूला जाता है. फिलहाल मामले के संज्ञान में आने के बाद अब आरटीओ ने ऐसे बसों और उनके मालिको पर भी कार्यवाही करने की बात कही है.

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