First Adventure Sports Park of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ का बस्तर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. नैसर्गिक वन, खूबसूरत जलप्रपात और चारों और पहाड़ियों से घिरी हरी भरी वादियों के बीच बस्तर बसा हुआ है. छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला धार्मिक और पर्यटन स्थल के लिए काफी अहम माना जाता है. यही वजह है कि राज्य सरकार जल्द ही डंकिनी नदी के तट पर एडवेंचर स्पोर्ट्स का केंद्र बनाने जा रही है.


ये एडवेंचर सेंटर छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. साहसिक खेलों और मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए संभाग के पहले एडवेंचर पार्क की स्थापना डीएमएफटी (DMFT) फंड से जिला प्रशासन और वन विभाग संयुक्त रूप से करने जा रहा है. एडवेंचर पार्क में संचालित होने वाली साहसिक खेल गतिविधियों और प्रशिक्षण से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को काफी फायदा मिलेगा.


एडवेन्चर पार्क में होंगी कई तरह की सुविधाएं
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप और जिला प्रशासन की पहल से विकसित किये जा रहे एडवेंचर पार्क दंतेवाड़ा के पर्यटन विकास में मील का पत्थर साबित होगा. एडवेन्चर्स स्पोर्ट्स में साइकिल जीप लाइन का निर्माण  करने के साथ ही दंतेवाड़ा और आसपास ढोलकाल की पहाड़ियों और सातधार नदी जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों तक सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है. देश और विदेश से दंतेवाड़ा घूमने वाले पर्यटक पर्यटन स्थलों तक आसानी से पहुंच सकेंगे. करोड़ों रूपये की लागत से बनाये जा रहे एडवेंचर पार्क में जीप लाइन, साइकिल जीप लाइन, किड एडवेंचर स्पोर्ट्स के अलावा रस्सी निर्मित पुल, हवा में ऊपर छलांग लगाने वाला कमरबंद झूला और साहसिक खेल प्रदर्शन के माध्यम से पर्यटकों को नई विधियों और तकनीकों से परिचय कराया जाएगा. एडवेंचर पार्क में बस्तर के युवाओं को खेल, नई तकनीक की शिक्षा प्रशिक्षकों और खेल विशेषज्ञों के माध्यम से ट्रेनिगं दी जाएगी. पर्यटन के क्षेत्र में पर्यटकों की रुचि का केन्द्र और दंतेवाड़ा जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होगा.


दंतेवाड़ा के पर्यटन स्थलों का होगा विकास
दंतेवाड़ा का पर्यटन क्षेत्र ढोलकाल पहाड़ी में प्राचीन भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा मशहूर है. देश और विदेश से पर्यटक दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ढोलकाल में बस्तर और छत्तीसगढ़ की पारंपरिक शैली अनुसार पर्यटकों के रुकने की उत्तम व्यवस्था और बस्तर की पारंपरिक खान-पान से संबंधित गढ़कलेवा को स्थानीय रोजगार से जोड़ने की  योजना भी बनाई जा रही है. इस तरह बस्तर के परंपरागत और छत्तीसगढ़िया खान-पान को शामिल करते हुए  अत्याधुनिक कॉटेज, हट, का भी निर्माण किया जा रहा है. आधुनिकता को पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण और लोकप्रियता के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा. 


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