Bastar Naxalite News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले चार दशकों से नक्सली अपनी पैठ जमाए बैठे हैं. इन चार दशकों में बस्तर संभाग के सैकड़ों स्थानीय ग्रामीणों को अपने दल में शामिल कर लिया है. नक्सली दल में शामिल होने के बाद कई ग्रामीणों की पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मौत हो गयी. इसके बाद कई ग्रामीणों ने मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला ले लिया. इन्हीं सरेंडर नक्सलियों ने दल छोड़ने के बाद कई ऐसे बड़े खुलासे किए जिसमें नक्सली संगठन के  पाबंदी सबंधी कई जानकारी मिली.

स्थानीय ग्रामीणों के नक्सली बनने के बाद कई ग्रामीणों ने अपना सब कुछ त्याग दिया. क्योंकि संगठन में शामिल होने के बाद ग्रामीणों को उनके संगठन के कायदे कानून में रहना पड़ता है, और कई नियमों का पालन भी करना पड़ता है. उनमें से एक नियम है शादी ब्याह, दल में रहते हुए महिला नक्सली और पुरुष नक्सली में प्यार तो जरूर होता है लेकिन संगठन में रहकर शादी करने की उन्हें पूरी तरह से मनाही होती है. दल में रहते पुरुष और महिला नक्सली के बीच प्यार होने के बाद ना ही वे शादी कर सकते हैं और ना ही वे बच्चा पैदा कर सकते हैं. अगर महिला नक्सली गर्भवती भी हो जाती है तो उसे अपना बच्चा त्याग देना पड़ता है.

सरेंडर करने के बाद प्यार हुआ साकार

नक्सली संगठन में बनाए गए नियमों और बड़े लीडरों के प्रताड़ना से तंग आकर पिछले कुछ सालों से बड़ी संख्या में स्थानीय नक्सली बस्तर पुलिस के सामने सरेंडर कर रहे हैं. खास बात यह है कि दल में रहते जिन महिला और पुरुष नक्सलियों के बीच प्यार हुआ आज वह सरेंडर करने के बाद बकायदा शादी कर रहे हैं और एक अच्छी जिंदगी जी रहे हैं.

बस्तर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2019 से साल 2022 अगस्त महीने तक प्रेमी जोड़ों ने सरेंडर करने के बाद 56 जोड़ों ने विवाह रचाया है. इनकी ना सिर्फ धूमधाम से शादी हुई है बल्कि इनके घरों में अब बच्चों की किलकारी भी गूंजने लगी. सरेंडर नक्सली दंपतियों का कहना है कि उनका प्यार सरेंडर करने के बाद ही सफल हुआ. वे अब एक दूसरे के होकर हंसी खुशी जिंदगी भी बिता रहे हैं.

4 सालो में 56 नक्सल जोड़ो ने रचाई शादी 

बस्तर पुलिस के सामने सरेंडर कर चुके नक्सली दंपति लक्ष्मण और कोसी का कहना है कि नक्सली संगठन में रहते उनके बीच प्यार हुआ. वे एक दूसरे को बेहद पसंद करने लगे. संगठन के सामने उन्होंने शादी करने की इच्छा भी जताई, लेकिन संगठन ने साफ तौर पर मना कर दिया. ऐसे में उन्होंने अपने प्यार को हासिल करने के लिए दल को छोड़ना ही बेहतर समझा. एक दिन दोनों नक्सली संगठन को छोड़कर भाग निकले और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.

इस दौरान पुलिस ने ना सिर्फ लक्ष्मण कोसी की धूमधाम से शादी कराई, बल्कि बकायदा दोनों को पुलिस में नौकरी भी दी. अब उनके इस सुखद दांपत्य जीवन में उनके दो बच्चे भी हैं. केवल लक्ष्मण कोसी ही नहीं बल्कि पिछले 4 सालों में 56 जोड़ों ने एक दूसरे को पसंद कर नक्सली संगठन छोड़ने के बाद विवाह रचाया और पुलिस ने भी इनकी भरपूर मदद की है.

बस्तर आईजी ने की सरेंडर करने की अपील

बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि साल 2019 से अब तक 56 जोड़ों ने सरेंडर करने के बाद शादी रचाई और हंसी खुशी अपनी जिंदगी बिता रहे हैं. सरेंडर के दौरान पहले कई ऐसे जोड़ों ने अपनी इच्छा जाहिर की और उनके इस इच्छा को बस्तर पुलिस ने पूरा किया. उन्होंने आंकड़ा देते हुए बताया कि ऐसे प्रेमी जोड़े जिन्हें संगठन में रहते प्यार हुआ और जिसके बाद सरेंडर करने के बाद इनकी शादी बस्तर पुलिस ने करवाई. उनमें साल 2019 में 15, साल 2020 में 24, 2021 में 12 और 2022 में 31 अगस्त तक 5 प्रेमी जोड़ों का विवाह पुलिस ने संपन्न कराया.

साथ ही उन्हें बकायदा सरकार की पुनर्वास नीति के तहत लाभ भी दिया जा रहा है. आईजी ने बताया कि नक्सली संगठन में रहते इन्हें अपना प्यार कभी नहीं मिल पाता. क्योंकि नक्सली नहीं चाहते है कि पुरुष और महिला नक्सली में प्यार हो और वह भी एक आम लोगों की तरह शादी कर अपना जीवन हंसी खुशी बिता सकें. अगर संगठन में रहते इक्का-दुक्का मामलों में महिला और पुरुष नक्सली की शादी भी हो जाती है तो उन्हें बच्चा पैदा करने की अनुमति नहीं होती है.

इस वजह से अपने प्यार को सफल करने के लिए कई नक्सलियों ने सरेंडर किया. बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने अपील की है कि स्थानीय नक्सलियों को दूसरे राज्य में बैठे बड़े नक्सली लीडर बरगलाकर और फुसलाकर अपने दल में शामिल कर लेते हैं और उसके बाद उनका शोषण किया जाता है. ऐसे में उन्होंने अपील की है कि जितने भी बस्तर के स्थानीय ग्रामीण जो भटक कर नक्सली दल में शामिल हो गए हैं वे मुख्यधारा में जुड़ कर अपनी अच्छी जिंदगी बिताएं. इसके लिए बस्तर पुलिस उनकी हर संभव मदद करेगी, साथ ही सरेंडर करने के बाद सरकार की पुनर्वास नीति का भी पूरा लाभ उन्हें दिया जाएगा.

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