Bastar Heatwave News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग सहति कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. बस्तर में इस समय पारा 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. तेज गर्मी की वजह से कई लोग लू की चपेट में आ रहे हैं और बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं.


महारानी अस्पताल के सीएस और डिमरापाल अस्तपाल के अधीक्षक से मिली जानकारी के मुताबिक, हर रोज लू की चपेट में आकर 30 से 40 मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. लू से लोगों की तबीयत खराब होने से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य अमले को अलर्ट किया गया है. 


अस्पतालों में हर रोज बढ़ रहे मरीज
छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा सभी कलेक्टर्स और स्वास्थ्य विभाग को लू और हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं. मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बस्तर संभाग में सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर और कांकेर जिले में दिन में पारा 40 से 42 डिग्री तक पहुंच रहा है. 


सुबह होते चिलचिलाती धूप के साथ पारा बढ़ जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि दिन में पड़ रही तेज धूप और भीषण गर्मी से अधिकतर लोग लू की चपेट में आ रहे हैं, इससे हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया है. डॉक्टरों के मुताबिक, हर रोज सरकारी और निजी अस्पताल में 30 से 40 मरीज लू की चपेट में आने से इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. 


डिहाइड्रेशन की भी कई मरीजों में शिकायत मिल रही है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, फिलहाल शासन से आदेश मिलने के बाद अस्पतालों में सारी व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई हैं. डॉक्टरों ने इसके बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने और दिन में पड़ने वाली तेज धूप से बचने की सलाह दी है.


निगम ने नहीं की अभी तक प्याऊ की व्यवस्था
बीते कुछ से मौसम में आए बदलाव की वजह से लोगों को गर्मी से कुछ हद तक राहत मिली. हालिया दिनों में तेज धूप और शाम होते ही झमाझम बारिश होने से बस्तर वासियों गर्मी से थोड़ी राहत मिल रही थी. हालांकि शुक्रवार को गर्मी ने फिर तेवर दिखाना शुरू कर दिया, जिसका असर लोगों की सेहत पर भी पड़ा है. 


इससे बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ रहे हैं. नगर निगम के द्वारा भीषण गर्मी को देखते हुए अब तक सार्वजनिक जगहों पर प्याऊ की व्यवस्था भी नहीं की गई है, जिससे प्यास लगने पर लोगों को बाजारों से महंगी पानी की बोतलें खरदीने पर मजबूर हैं या फिर मजबूरन प्यास से निढ़ाल होना पड़ता है.


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