Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर से आदिवासी ग्रामीणों को रोजगार पाने दूसरे राज्यों में पलायन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, हर रोज सैकड़ों की संख्या में बस्तर के ग्रामीण मजदूर रोजगार तलाशने के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं और यहां ठेकेदारों के शोषण का शिकार हो रहे हैं .

 

कई जगह पर बस्तर के आदिवासी ग्रामीण मजदूरो को बंधक बना लिया जाता है ,जहां ना तो इन्हें मजदूरी का भुगतान किया जाता है और ना ही वापस अपने घर आने दिया जाता है, बस्तर जिले के कोलेंग और मुण्डागढ़ गांव में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहां के 13 मजदूरों को कर्नाटक के चित्रदुर्गा में बंधक बना लिया गया था ,बीते 4 महीने से ये 13 मजदूर ठेकेदार के शोषण का शिकार हो रहे थे, और वापस अपने घर आने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे.

 

13 मजदूरों को छुड़ाया ठेकेदार के चंगुल से

जैसे तैसे इन मजदूरों का बस्तर जिला प्रशासन से संपर्क होने के बाद बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के ने पुलिस और लेबर डिपार्टमेंट की एक टीम बनाकर इस टीम को कर्नाटक के चित्रदुर्गा के लिए रवाना किया और चित्रदुर्गा के जिला प्रशासन के एसपी और कलेक्टर से बातचीत कर बस्तर के मजदूरों को बंधक बनाए जाने की जानकारी दी, जिसके बाद आखिरकार इन 13 मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से छुड़ा लिया गया और बस्तर जिला प्रशासन के प्रयास से ठेकेदार के द्वारा सभी 13 मजदूरों को 4 महीने का मजदूरी भुगतान भी कराया गया,

 

रिहा हुए मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार के द्वारा उन्हें सुपारी की खेती में और टेंट काम में लगाया गया था, बार-बार मजदूरी की राशि मांगने के बावजूद भी ठेकेदार टालमटोल करता रहा और वापस अपने घर जाने से भी साफ मना कर दिया था, इसके बाद इन मजदूरों ने जैसे तैसे मदद की गुहार लगाई और गुरुवार को टीम के साथ सकुशल वापस अपने घर लौटे.


ठेकेदार से 4 महीनों का कराया भुगतान
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम. के ने बताया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों को मजदूरों के माध्यम से जानकारी मिली थी कि कर्नाटक के चित्रदुर्गा में बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक के मुंडागढ़ और कोलेंग गांव के रहने वाले 13 मजदूरों को ठेकेदार द्वारा बंधक बनाया गया है, और उनका 4 महीने का भुगतान भी ठेकेदार के द्वारा रोका गया है, इसके बाद तुरंत एक टीम का गठन कर इस टीम को चित्रदुर्गा के लिए रवाना किया गया और वहां स्थानीय प्रशासन की टीम की मदद से सभी 13 मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से रिहा कराया गया और बकायदा ठेकेदार के द्वारा इन 13 मजदूरों को कर्नाटक राज्य की शासकीय दर 14 हजार 100 मासिक दर के हिसाब से मजदूरों को भुगतान करवाया गया.

 

कई योजनाओं का दिया जा रहा है लाभ

13 मजदूरों को कुल 5 लाख 93 हजार 500 रुपये ठेकेदार से भुगतान कराया गया, इन मजदूरों को टीम वापस सकुशल बस्तर लेकर पहुंच गई है, बस्तर कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले सभी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है, मनरेगा, वन विभाग और विभिन्न विभागों के द्वारा कई योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है ,बावजूद इसके ज्यादा पैसे का लालच पाकर पलायन कर रहे ग्रामीण मजदूर दूसरे राज्यों में शोषण का शिकार हो रहे हैं, या फिर बंधक बनाए जा रहे हैं.

 

वहीं प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा लगातार उनसे बस्तर में ही रहकर मजदूरी का काम करने को कहा जा रहा है, कलेक्टर ने बताया कि तेलंगाना में भी 8 मजदूरों के फंसे होने की जानकारी मिली है ,जिन्हें सकुशल वापस लाने के लिए जिला प्रशासन की एक और टीम को रवाना किया गया है, जल्द ही सभी 8 मजदूरों को वापस बस्तर लाया जाएगा.