छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) के ड्रीम प्रोजेक्ट और बस्तर (Bastar) की सबसे बड़ी परियोजना पर ब्रेक लग गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने मंगलवार को बस्तर जिले के बंड़ाजी में भेंट- मुलाकात कार्यक्रम के दौरान अपने ड्रीम प्रोजेक्ट बोधघाट परियोजना (Bodhghat Project) को शुरू नहीं करने की बात कही है. इसके पीछे वजह बस्तर के कई संगठनों द्वारा इस सिंचाई परियोजना का विरोध करना बताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के कई अलग अलग संगठन नहीं चाहते कि बोधघाट परियोजना पर काम हो और जब तक बस्तर की जनता और किसान नहीं चाहेंगे तब तक सरकार बोधघाट परियोजना को लेकर आगे नहीं बढ़ेगी.
लोग चाहेंगे तभी शुरु होगा-सीएमसीएम ने कहा कि, बस्तर की इंद्रावती नदी के पानी का उपयोग दूसरे राज्य के किसान और लोग तो कर लेते हैं लेकिन बस्तर में यदि इस नदी के पानी का उपयोग होता है तो कुछ लोगों को आपत्ति होती है, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने कहा, अगर इंद्रावती नदी में पेयजल का संकट है और पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है तो जिस दिन आप लोग चाहेंगे उस दिन परियोजना शुरू होगा, उसके पहले परियोजना पर काम शुरू नहीं किया जाएगा.
खेतों में पानी पहुंचाई जाएगी-सीएमसीएम ने कहा कि किसानों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती है, ऐसे में बस्तर जिले के इंद्रावती नदी तट से लगे अलग-अलग 7 से अधिक गांवो में करोड़ो रूपये की लागत से एनीकेट का निर्माण कराया जाएगा, साथ ही लिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से किसानों के खेतों में पानी पहुंचाई जाएगी और इसके लिए जितनी भी राशि खर्च होगी सरकार इस राशि को देगी.
आपत्ति के बाद लगा ब्रेकदरअसल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में करोड़ों रुपए की लागत से बस्तर के चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में बोधघाट सिंचाई परियोजना बनाने की बात कही थी. इस परियोजना से बस्तर जिले के अलावा दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई परियोजना बनाने के लिए भूपेश सरकार ने प्रोजेक्ट तैयार किया था, लेकिन इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से पहले ही स्थानीय किसानों, कई संगठनों और खुद कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री रहे और वर्तमान में आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने भी इसपर आपत्ति जताया था.
इस प्रोजेक्ट को शुरू करने को लेकर कई बार राजधानी रायपुर में बैठक भी हुई, लेकिन बैठक के बावजूद भी संगठनों और स्थानीय किसानों के अलावा आदिवासी नेता अरविंद नेताम की आपत्ति के बाद सरकार द्वारा बने 3 साल बीतने के बाद भी इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं किया जा सका, और आखिरकार मंगलवार को अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान बस्तर जिले के बंड़ाजी पहुंचे मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगाने की बात कह दी.
सीएम ने यह भी कहा कि, जब तक बस्तर की जनता नहीं चाहेगी तब तक बोधघाट परियोजना को लेकर सरकार आगे नहीं बढ़ेगी. हालांकि सीएम ने कहा कि किसानों को अपने खेतो की सिंचाई के लिए किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए करोड़ों रुपए राशि खर्च कर इंद्रावती नदी में एनीकट बनाए जाएंगे और सरकार लिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने का काम करेगी.