छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीति गरमाई हुई है. दरअसल बस्तर के हाई प्रोफाइल मामले में कांग्रेसी पार्षद कोमल सेना की गिरफ्तारी के बाद रविवार सुबह 13 महीने पुराने मामले में पुलिस ने बीजेपी के नगर मंडल अध्यक्ष समेत 4 भाजपाइयों को रविवार तड़के सुबह घर से गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरफ्तारी के बाद बीजेपी के नेता कांग्रेस के नेताओं पर बदले की राजनीति का आरोप लगा रहे हैं, साथ ही पीएम आवास दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की कमीशन खोरी के मामले में शनिवार देर शाम गिरफ्तार कांग्रेसी पार्षद कोमल सेना को कोरोना पॉजिटिव बताकर अस्पताल में भर्ती करा देने का आरोप लगाया है.


कोरोना जांच रिपोर्ट पर भाजपाइयों को संदेह 


बीजेपी के प्रदेश महामंत्री किरण देव, पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने आरोप लगाया कि संजय गांधी वार्ड की पार्षद कोमल सेना द्वारा अपने ही वार्ड के 40 गरीब परिवारों से 25- 25 हजार रुपये पीएम आवास का लाभ दिलाने के नाम पर कमीशन खोरी की गई.


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इस मामले के उजागर होने के बाद पीड़ित परिवारों के साथ बीजेपी ने कांग्रेसी पार्षद  कोमल सेना के गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगभग 22 दिनों तक बोधघाट थाना के सामने अनिश्चितकालीन आंदोलन किया, जिसके बाद राज्यपाल से मुलाकात कर इस मामले की पूरी जानकारी देने के बाद दबाव में आई जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवारों के साथ जनसुनवाई की और आखिरकार  शनिवार देर शाम कांग्रेसी पार्षद कोमल सेना को बोधघाट पुलिस ने घर से गिरफ्तार किया और न्यायालय में भी पेश करने के दौरान उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई. बीजेपी प्रदेश महामंत्री किरण देव ने आरोप लगाया है कि जेल जाने से पहले पार्षद की कोरोना जांच की गई और जांच रिपोर्ट को पॉजिटिव  बताते हुए जेल दाखिल करने की बजाय पार्षद को  पुलिस ने डिमरापाल कोविड अस्पताल में भर्ती करा दिया गया. किरण देव ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पार्षद की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव  आयी तो उनके साथ मौजूद पुलिस कर्मियों और न्यायालय में पेश करने के दौरान वहां मौजूद स्टाफ की कोरोना जांच क्यों नहीं की गई? 


बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाये ये आरोप 


इसके अलावा किरण देव व केदार कश्यप का यह भी कहना है कि शनिवार देर शाम कांग्रेस पार्षद की गिरफ्तारी हुई वहीं रविवार को सुबह 13 महीने पुराने मामले में चार भाजपाइयों को सुबह घर से गिरफ्तारी कर लिया गया और यह सब सत्ता के बलबूते पर हुआ है. किरण देव का कहना है कि 13 महीने पूर्व आरटीओ ऑफिस में प्रदर्शन के दौरान भाजपाइयों पर आरटीओ अधिकारी से बदतमीजी का आरोप लगाकर उन पर मामला दर्ज कर लिया गया, जबकि घटना के वक्त आरटीओ अधिकारी कार्यालय में मौजूद ही नहीं थे, वहीं इस मामले को 13 महीने बीतने के बाद अचानक रविवार सुबह बदले की राजनीति करते हुए 4 भाजपाइयों की गिरफ्तारी कर ली गई, साथ ही इस मामले में शामिल रहे अन्य भाजपाइयों की भी गिरफ्तारी के लिए पुलिस उन्हें ढूंढ रही है, उनके परिजनों को परेशान कर रही है. पूर्व मंत्री केदार कश्यप  ने कहा कि कांग्रेस कुल मिलाकर बदले की राजनीति कर रही है. सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार बीजेपी के लोगों पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है. इधर बस्तर एसपी जितेंद्र सिंह मीणा का कहना है कि क्योंकि यह मामला काफी पुराना हो गया था और इस मामले के आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे, जिसके बाद पुलिस की टीम द्वारा इनकी मौजूदगी पर रविवार को धरपकड़ की कार्रवाई की गई.


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