Prayas School Entrance Exam: प्रयास आवासीय विद्यालय में दाखिला के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य किए जाने से अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है. अभिभावकों को चिलचिलाती धूप में मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भटकना पड़ रहा है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर में बच्चों को लेकर अभिभावक पहुंच रहे हैं. बच्चों की भीड़ बढ़ने से मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर भी परेशान हैं. गौरतलब है कि प्रदेश में प्रयास आवासीय विद्यालयों की कुल संख्या 15 है.


मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए गर्मी में भटक रहे अभिभावक


क्लास 9वीं में बच्चों के लिए 1050 और बच्चियों के लिए 855 सीटें हैं. ऑनलाइन आवेदन के बाद मेरिट सूची बनाकर काउंसलिंग होगी. दाखिला से पहले मेडिकल प्रमाण पत्र अनिवार्य किए जाने के कारण प्रयास विद्यालय प्रबंधन भी परेशान हो रहा है. बताया जा रहा है कि प्रयास विद्यालय में दाखिला की अंतिम तारीख 17 मई है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बोर्ड के सामने हर रोज 10 से 12 छात्र पहुंच रहे हैं. पिछले वर्ष के समान फार्म भरते समय मेडिकल सर्टिफिकेट में छूट मिलने का दावा करते हुए स्वास्थ्य कर्मचारी खाली हाथ वापस भेज रहे हैं.




प्रयास आवासीय विद्यालय में दाखिला के लिए है अनिवार्य


बेटी आंचल एक्का को लेकर पहुंची मां श्वेता एक्का माझापारा के अलावा प्रियंका सिंह लुण्ड्रा, नंदनी टोप्पो सीतापुर, विनिता कुजूर, अरूणाचंल यादव सीतापुर, रेखा मैनपाट ने बताया कि मेडकल प्रमाण पत्र के लिए आवेदन भी नहीं भरा गया. उन्होंने कहा कि मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए पहुंचे थे. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि पिछले साल के समान इस बार भी छूट मिलेगी. इसलिए एक दो दिन इंतजार करो. उन्होंने कहा कि फार्म भरते समय मेडिकल प्रमाण पत्र की आवश्यकता से छूट मिलनी चाहिए.


शैक्षणिक सत्र 2023-24 में भी इस तरह की समस्या आई थी. प्रयास आवासीय विद्यालय में कक्षा 9 के लिए ऑनलाइन फार्म भरते समय मेडिकल प्रमाण पत्र मांगे गये थे. बच्चों की परेशानी को आदिवासी विकास विभाग सरगुजा ने शासन स्तर तक पहुंचाया था. ऑनलाइन आवेदन के साफ्टवेयर में संशोधन से बच्चों को राहत मिल गयी थी. दाखिला के पूर्व मेडिकल सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया था. सभी विकासखंडों के कर्मचारियों को फार्म भरने में मदद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.


आदिवासी विकास विभाग ने शासन को कराया अवगत

आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त डीपी नागेश ने स्वीकार किया कि फार्म भरते समय मेडिकल प्रमाण पत्र की अनिवार्यता होने से बच्चे परेशान हैं. बच्चों की परेशानी को देखते हुए उच्चाधिकारियों से शिकायत की गयी है. उन्होंने बताया कि बच्चों और अभिभावकों की मांग पर पिछले वर्ष के समान ही इस बार भी फार्म भरते समय मेडिकल प्रमाण पत्र की आवश्यकता को समाप्त करने का आग्रह किया गया है.


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