गया कोरोना से लड़ने के लिए सरकार की ओर से हर प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में गया के मजदूर भी पीछे नहीं हैं. वे भूख-प्यास की चिंता को छोड़कर 21-21 घंटे तक काम कर ऑक्सीजन सिलिंडर को तैयार करने में लगे हैं. पटना-गया रोड पर कंडी में कैपिटल ऑक्सीजन गैस प्लांट में काम करने वाले मजदूर कोरोना वॉरियर्स बनकर लोगों की जान बचा रहे हैं. गया का यह एकमात्र ऑक्सीजन गैस प्लांट है जहां सिर्फ 900 बड़े सिलिंडर रिफिलिंग करने की क्षमता है.


बताया जाता है कि 900 सिलिंडर में 600 प्रतिदिन गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजा जा रहा है. प्लांट के प्रबंधक मो. अमजद अली ने बताया कि पिछले महीने से ही ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है. इससे पहले 100 से 150 ऑक्सीजन गैस सिलिंडर की खपत थी. आज ऐसी स्थिति हो गई है कि हर दिन 900 ऑक्सीजन सिलिंडर गैस उत्पादन के बावजूद मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है.


900 में 600 सिलिंडर एएनएमएमसीएच को दिया जाता


900 गैस सिलिंडर में से 600 सिर्फ एएनएमएमसीएच को और 300 सिलिंडर पूरे जिले के प्राइवेट नर्सिंग होम व होम आइसोलेशन वाले मरीज निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि प्लांट में मजदूर दिन रात काम कर रहे हैं कि किसी भी तरह से लोगों की जिंदगी बच सके. इसके लिए वे भूखे प्यासे आराम को छोड़कर काम में लगे हैं ताकि समय पर ऑक्सीजन सिलिंडर तैयार रहे और मरीजों को उपलब्ध कराया जा सके.


मो. अमजद ने कहा कि कोशिश यह है कि किसी भी मरीज की जान ऑक्सीजन के बिना नहीं जाए. हर सात घंटे पर एक घंटे ही सिर्फ प्लांट को बंद किया जाता है. वो भी इसलिए ताकि प्लांट में कोई परेशानी न हो और काम रुके नहीं और हम लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराते रहें. ऑक्सीजन की कमी के प्रति लोगों के पैनिक होने के बाद जिला प्रसाशन द्वारा दो पुलिसकर्मियों व एक मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई है ताकि व्यवस्था न गड़बड़ाए.


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