पटना: बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मामले को लेकर शुरू हुए विवाद पर सियासत जारी है. कोई इसे सोची-समझी साजिश बता रहा है तो कोई सर्वे में मिले शिवलिंग को फव्वारा बता रहा है. अब इस मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का भी बयान सामने आया है. उन्होंने अपने तल्ख अंदाज में कहा कि इसपर मेरी राय जरुरी नहीं है. आप अपना ही राय रखिए. 


गौरतलब है कि इस पूरे मुद्दे पर नीतीश कुमार कुछ भी बोलने से बचते नजर आए. गुरुवार को वें बिहार विधानसभा परिसर में पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे. इसी दौरान उनसे ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर हो रहे विवाद के बारे में पूछा गया. इसपर पहले तो सीएम कुछ भी नहीं बोलें. फिर बगल में खड़े बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी और सैयद शाहनवाज हुसैन से कुछ वार्ता के बाद कहा कि "इसपर आप हमसे क्यों राय ले रहे हैं. आप अपना ही राय रखिए."


मुस्लिम पक्ष के समर्थन में उतरा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड


बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम पूरा हो चुका है, जिसके बाद अब कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी गई है. इससे पहले मस्जिद में मिले शिवलिंग को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. इसके बाद जिस जगह पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया, कोर्ट की तरफ से उसे सील करने के आदेश दिए गए. यमह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. वहीं, इस मामले को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी मुस्लिम पक्ष के समर्थन में उतर आया है और हर तरह की मदद की बात कही है. साथ ही बोर्ड का एक डेलीगेशन इस मसले पर राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेगा.


धार्मिक भावनाओं को भड़काने की एक सोची-समझी साजिश


इधर, ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर यूपी की पूर्व सीएम व बसपा चीफ मायावती की तरफ से भी एक बड़ा बयान सामने आया है. मायावती ने इसे एक साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि ये लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने की एक सोची-समझी साजिश है. मायावती ने कहा कि जिस तरह से षड़यंत्र के तहत लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है. विशेषकर एक धर्म समुदाय से जुड़े स्थानों के नाम जो एक-एक कर बदले जा रहे हैं. इससे हमारे देश में शांति, सद्भाव और भाईचारी नहीं बल्कि आपसी नफरत की भावना ही पैदा होगी. ये सब काफी चिंतनीय है. उन्होंने लोगों से भाईचारा बनाए रखने की अपील की.  


अब दोबारा कोई मस्जिद नहीं खोएंगे


वहीं, ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण से आहत हैं और 1991 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अनदेखी की गई है. ओवैसी ने कहा कि "अब दोबारा कोई मस्जिद नहीं खोएंगे और ज्ञानवापी कयामत तक मस्जिद ही रहेगी." उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "मस्जिद कमिटी ने बताया कि वो शिवलिंग नहीं, फव्वारा था. अगर शिवलिंग मिला था तो कोर्ट के कमिश्नर को ये बात बतानी चाहिए थी."