कैमूर: जिले के भभुआ शहर में सोमवार को जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का कार्यक्रम था. इस दौरान वहां उपेंद्र कुशवाहा पहुंचे थे. कार्यक्रम के बाद उन्होंने बिहार के डीजीपी (DGP Bihar) के साथ हुए फर्जी फोन कॉल मामले को लेकर कई बातें कहीं. उन्होंने कहा कि जैसा खबरों में चल रहा वैसा अगर सही है तो बिल्कुल यह चिंता का विषय है. यह मामला मेरे भी संज्ञान में आया है. इसकी तह तक जांच होनी चाहिए. ये बेहद गंभीर विषय है. उनसे जब पूछा गया कि पूरे देश में किसी भी डीजीपी के साथ ऐसी वाक्या पहले कभी नहीं हुई थी. इस बात पर उपेंद्र कुशवाहा ने सीधा कह दिया कि अगर ऐसी वाक्या हुई है तो बेहद शर्मनाक बात है.


विपक्ष हो रहा हमलावर, कुशवाहा बोले गंभीर विषय है


विपक्ष बार बार बिहार के वर्तमान डीजीपी के सक्षम नहीं असक्षम पदाधिकारी होने की बात कर रहा. इस पर पर कुशवाहा ने कहा कि ये मामला क्या प्रमाणित कर रहा है? यह मुझे नहीं पता. जो खबर आई है उस पर हमने भी गौर किया है. मामला संवेदनशील है. कैसे हुआ, कौन अधिकारी, कहां और कितना संलिप्त है ये गंभीर विषय है. हमें लगता है कहीं ना कहीं यह गंभीर विषय है. अगर यह मामला जो खबरों में चल रहा है सही है तो बिल्कुल चिंता की विषय है. इसका मैं समर्थन कर रहा हूं. जो भी मामले में दोषी होगा उसपर जांच बैठेगी और सजा मिलेगी.


गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ है पूरा मामला


पूरा मामला है कि गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ गया के फतेहपुर थाना में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने का मामला दर्ज है. सूत्रों के अनुसार इसी आरोप के कारण उनको गया से हटा दिया गया. इसके बाद एसएसपी आदित्य कुमार ने एक व्यक्ति को फर्जी हाई कोर्ट का सीनियर जज बनवा कर डीजीपी को सीधा फोन मिलवा दिया और केस में पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार को क्लीन चिट देने के लिए दबाव बनाया. फोन करने वाले ने इस तरह से बात की थी जिससे डीजीपी भी थोड़ी देर के लिए दबाव में आ गए थे. तब से यह मामला सुर्खियों में आया था.


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