पटना: जेडीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर वे जमकर बरसे. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुझे भी संतान है और उनको (नीतीश कुमार) भी संतान है, कसम खाकर कहें कि एक बार भी उन्होंने मुझे खुद से बुलाया हो. नीतीश कुमार कह रहे हैं कि मिलकर पार्टी में बात करें. मैंने पार्टी से मांग की थी कि बैठक बुलाई जाए लेकिन कहने के बावजूद बैठक नहीं हो रही है. मंच तो उपलब्ध कराइए. बैठक करनी है तो अविलंब करें.


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 2020 के चुनाव के बाद उनकी पार्टी का जब विलय हुआ तभी उन्होंने कहा था कि पार्टी की स्थिति ठीक नहीं है. पार्टी को नंबर वन बनाना है. पार्टी को मजबूत करने की जरूरत है. यह भी कहा था कि यह चार-पांच लोगों को जिनको आप ठीक समझते हैं उनको बुलाइए और इसके लिए क्या रणनीति होगी उस पर चर्चा कीजिए. नीतीश कुमार ने हामी भरी उस समय, लेकिन आज तक उस दिशा में कुछ नहीं हुआ तो मिलकर बात करने का क्या मतलब है?


'आज तक पांच मिनट का समय नहीं दिया'


उपेंद्र कुशवाहा ने दो साल में क्या-क्या हुआ इसका भंडाफोड़ करते हुए बताया कि आज तक मुख्यमंत्री ने कभी फोन कर नहीं कहा कि आप आइए आपसे बात करनी है. दो वर्षों में पांच मिनट का भी समय मुख्यमंत्री ने नहीं दिया. जब-जब जरूरत थी हमने फोन किया. अब कह रहे हैं कि मिलकर बात करनी चाहिए. अभी भी जब कहेंगे हम उनके साथ बैठने के लिए तैयार हैं. उनका बुलावा आएगा तो हम जाने के लिए तैयार हैं.


'सत्ता भोगने के लिए नहीं आया उपेंद्र कुशवाहा'


आगे कुशवाहा ने कहा कि आपकी पार्टी में अकेले उपेंद्र कुशवाहा आए गए वाला नहीं है. आपकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित अधिकांश लोग आए-गए वाले लोग हैं. सरकार बनने के बाद सत्ता भोगने के लिए उपेंद्र कुशवाहा नहीं आया. फिर नीतीश कुमार कहते हैं कि अपने मन से तीन बार आए. हम दो बार गए, दिसंबर 2009 और मार्च 2021 में लेकिन मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा हमारे साथ आएं.


कॉल रिकॉर्डिंग की जांच की जा सकती है: कुशवाहा


2020 के चुनाव नतीजे के बाद विधानसभा में मुख्यमंत्री के बारे में उनकी आधी उम्र के लड़के (तेजस्वी) ने जब कहा जो पब्लिक डोमेन में है, सीएम के बारे में वैसी बात की गई तो हमने स्वयं अपमानित महसूस किया. हमने ट्वीट किया. हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते. इसके बाद पहला कॉल उपेंद्र कुशवाहा का नहीं गया था. नीतीश कुमार ने खुद फोन किया था. कॉल रिकॉर्डिंग की जांच की जा सकती है.


खुद नीतीश कुमार ने कॉल किया. मैंने फिर पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को लगाया, इसलिए यह कहना कि जब मन हुआ है जब चले गए और अपने आए यह गलत है.  नीतीश कुमार सलाहकारों से हैंडल हो रहे हैं. खुद अपनी इच्छा से कुछ नहीं कर पा रहे हैं. महात्मा फुले समता परिषद सामाजिक संगठन से हम जुड़े हुए हैं. दो फरवरी को जगदेव बाबू के इसी संगठन के बैनर तले जयंती का काम करना है, लेकिन इस कार्यक्रम के लिए पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि आप इस कार्यक्रम को मत कीजिए. किसी के कहने से हम नहीं जाएंगे. हमारा हिस्सा है, यह हम नहीं होने देंगे. ऐसे में तो हर बड़ा भाई छोटे भाई को कहेगा कि वह चला जाए, इसलिए हम संपत्ति हड़पने नहीं देंगे.


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