पटना: बिहार के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पीएम बनने का सपना देख रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish KUmar) पर जमकर निशाना साधा. अपने पूर्व सहयोगी नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए शाह ने कहा कि जिसका वह सपना देख रहे हैं. अभी वह पद खाली नहीं है, क्योंकि लोगों ने तीसरी बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का फैसला कर रखा है.


शाह ने बिहार के नवादा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा "एक व्यक्ति प्रधानमंत्री बनना चाहता है और लालू जी का बेटा मुख्यमंत्री बनना चाहता है. मैं लालू जी से कहना चाहता हूं, आप नीतीश को जानते हैं, वह प्रधानमंत्री नहीं बन सकते, उन्हें ये पद नहीं मिलने जा रहा. देश की जनता ने तय कर लिया है कि नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे. ऐसा होता है, नीतीश कुमार अपने डिप्टी तेजस्वी यादव को कमान सौंपने के अपने वादे से मुकर जाएंगे, क्योंकि उनके प्रधानमंत्री बनने के सपने चकनाचूर हो जाएंगे.”


नीतीश के लिए बीजेपी के रास्ते बंद


वहीं, नीतीश के साथ भविष्य में गठबंधन के सवाल पर शाह ने कहा कि बीजेपी कभी भी जातिवाद का जहर फैलाने वाले नीतीश कुमार और 'जंगल राज' के अग्रदूत लालू प्रसाद से हाथ नहीं मिला सकती है. इसके साथ ही शाह ने दोहराया कि बिहार के मुख्यमंत्री के लिए बीजेपी के दरवाजे अब हमेशा के लिए बंद हो चुके है. 


शाह ने नीतीश को याद दिलाई ये बातें


उन्होंने कहा कि राजद और जदयू के नेतृत्व वाले गठबंधन के कई विधायक भाजपा का दरवाजा खटखटा रहे हैं. "राजद प्रमुख लालू प्रसाद जंगल राज के अग्रदूत हैं और उनके बेटे ने कभी नीतीश को 'सांप', 'पलटू चाचा', 'धोकेबाज', 'लालची' और 'अहंकारी' कहा था. लेकिन उसके बाद भी नीतीश बाबू उनके साथ हैं.


सीएम बनने की जल्दबाजी पर यह कहा था तेजस्वी ने


गौरतलब है कि इससे पहले भी यह कहा जा रहा था कि नीतीश कुमार पीएम की कुर्सी के लिए दिल्ली जाकर संघर्ष करेंगे. लिहाजा, जल्द ही तेजस्वी यादव को सीएम बनाया जा सकता है. इसके जवाब में तेजस्वी यादव ने पिछले महीने राज्य विधानसभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि न तो वह (नीतीश कुमार) पीएम बनना चाहते हैं और न ही मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं. हम जहां हैं, खुश हैं. 


नीतीश ने बीजेपी को किया था सत्ता से बाहर


गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने 2022 में दूसरी बार बीजेपी के साथ 30 साल पुरानी साझेदारी को खत्म कर दिया था. नीतीश ने अपने इस कदम से बीजेपी को बिहार की सत्ता से बाहर कर दिया था. इसके साथ ही कुमार ने तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल और छह अन्य दलों के साथ महागठबंधन को पुनर्जीवित कर 24 घंटे के भीतर अपनी सरकार फिर से स्थापित कर ली थी. तभी बीजेपी विपक्षी में है.