पटना: बिहार में जारी सियासी उठापटक के बीच एलजेपी में हुई टूट ने सबको चौंका दिया. तख्तापलट की इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ गई है. पार्टी के पांच सांसदों का एक साथ पार्टी से बगावत करना और लोकसभा में पशुपति पारस को नेता चुनना, ये बात किसी के हलक से नीचे नहीं उतर रहा. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि नीतीश कुमार ने रणनीति के तहत पार्टी में टूट करवाई है. विधानसभा चुनाव में चिराग के रवैये से नाराज मुख्यमंत्री ने ऐसा किया. 


वीणा देवी के घर जेडीयू के वरिष्ठ नेता


ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि एलजेपी के सभी बागी सांसद नीतीश कुमार के शरण में जाएंगे. हालांकि, पशुपति पारस ने इस बात का खंडन किया है. लेकिन नीतीश कुमार के करीबी मानें जाने वाले नेता महेश्वर हजारी और ललन सिंह के एलजेपी सांसद वीणा देवी के दिल्ली स्थित घर पहुंचने के बाद एक बार फिर कयासों को हवा मिलने लगी है. खबर है कि जब एलजेपी सांसद वीणा देवी के घर पार्टी के पांचों सांसद मीटिंग कर रहे थे, तभी ललन सिंह और महेश्वर हजारी भी वहां मौजूद थे. 


दोनों जेडीयू नेताओं को सांसद के घर से निकलते देखा गया. दोनों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया. गाड़ी में बैठे और चलते बने. हालांकि, एलजेपी के बागी सांसद महबूब अली कैसर ने इस बात की पुष्टि की, कि जेडीयू नेता सांसद वीणा देवी के घर पहुंचे थे, उन्होंने पशुपति पारस से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी. हालांकि, महेश्वर हजारी ने एलजेपी सांसदों से मुलाकात की बात को झुठलाते हुए कहा कि वो किसी और के घर लंच पर आए थे. 


चिराग पासवान को किया किनारा


बता दें कि दिवंगत नेता रामविलास पासवान के छोटे भाई और सांसद पशुपति पारस के नेतृत्व एलजेपी के छह सांसदों में से पांच सांसदों ने पार्टी से बगावत कर दी है. सभी ने चिराग पासवान को किनारे करते हुए पशुपति को अपना नेता चुना है. इस संबंध में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र भी सौंप दी है.


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