बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली में काले झंडे लहराने पर तीन लोगों को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. डीआईजी (चंपारण क्षेत्र) हरकिशोर राय के अनुसार, तीनों से पूछताछ की जा रही है, जो भी सामने आएगा उसके आधार पर कार्रवाई की जा सकती है.

काले कपड़े के टुकड़े ले जाते पकड़े गए लोग

हरकिशोर राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, ‘‘हां, रैली स्थल पर तीन लोगों को काले कपड़े के टुकड़े ले जाते हुए पकड़ा गया. हम इस बात की जांच करेंगे कि उन्होंने किस तरह का व्यवधान पैदा किया. आगे की कार्रवाई इन बातों को ध्यान में रखकर की जाएगी."

पूर्वी चंपारण के एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा, ‘‘अब तक हमें यही पता चला है कि तीनों लोग क्षेत्र में चीनी उद्योग की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे थे.’’ टाउन पुलिस थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर राजीव रंजन ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोग जितेंद्र तिवारी, विक्रांत गौतम और रविकांत रवि जिले के अलग-अलग हिस्सों के निवासी हैं.

कई मीडिया संस्थानों ने तीनों के जरिए मचाए गए हंगामे का कथित वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्हें काले झंडे लहराते हुए देखा जा सकता है. वीडियो फुटेज में कई क्षतिग्रस्त प्लास्टिक की कुर्सियां भी देखी जा सकती हैं. पुलिस अधिकारियों ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की है.

इस बीच, बिहार में आरजेडी और उसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो फुटेज को साझा करते हुए कहा कि बिहार की जनता 'प्रधानमंत्री के झूठे वादों' से तंग आ चुकी है.

 पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना 

बता दें कि पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि "कांग्रेस-राजद गठजोड़ ने सत्ता में रहते हुए ‘‘विकास पर ब्रेक लगा दिए. लेकिन हम राज्य की जनता के संकल्प को सलाम करते हैं, जिन्होंने 2005 के विधानसभा चुनावों में बेड़ियां तोड़ दीं और राजग को राज्य में पहली बार सत्ता में लाया." उन्होंने कहा कि ‘‘दो दशक पहले तक बिहार जिस निराशा के गर्त में डूबा हुआ था, उससे युवा पीढ़ी को अवगत कराया जाना चाहिए’’ और ‘‘कांग्रेस-राजद गठजोड़ की बुरी नीयत से बिहार की रक्षा करना’’ जरूरी है. 

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