बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से मीडिया ने सवाल किया कि जीतन राम मांझी एनडीए से 'नाराज' हो गए हैं. इस पर तेजस्वी यादव ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि कोई नाराज हो इससे हमें कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता इस मौजूदा सरकार से बेहद नाराज और गुस्से में है.

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तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि इस बार बिहार की जनता परिवर्तन चाहती है. जनता नई सरकार और नया बिहार चाहती है. सभी लोग इस सरकार से नाराज हैं और सभी लोग मिलकर इस मौजूदा सरकार को बदलने का काम करेंगे. 

क्या मांझी नाराज हैं?

दरअसल, एनडीए में सीट शेयरिंग से पहले जीतन राम मांझी के एक एक्स पोस्ट की चर्चा होने लगी है. इसमें उन्होंने कहा, "हो न्याय अगर तो आधा दो,यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम,रखो अपनी धरती तमाम, HAM वही ख़ुशी से खाएंगें,परिजन पे असी ना उठाएंगे." केंद्रीय मंत्री ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता 'कृष्ण की चेतावनी' के जरिए सियासी संदेश देने की कोशिश की है.

'...हम चुनाव नहीं लड़ेंगे'

एनडीए में सीट शेयरिंग पर मांझी ने कहा, "हमने दो ऑप्शन दिया है. अगर 15 सीटें नहीं मिलती हैं तो हम निबंधित पार्टी ही रह जाएंगे तो फिर चुनाव लड़ने से क्या फायदा है. हम चुनाव नहीं लड़ेंगे. हम नरेंद्र मोदी के चहेते हैं, उनके चेला हैं. जो उनका इशारा होगा उसके लिए हम रात दिन एक कर देंगे."

इसके साथ ही उन्होंने कहा, "अभी जो सीट शेयरिंग का मामला है, हम एनडीए के नेताओं से प्रार्थना कर रहे हैं. 2015 में हमारी पार्टी बनी है. आज हम विधानसभा में चार सदस्य हैं. एक विधान परिषद में सदस्य हैं. बिहार में मंत्री हैं. अभी जब मतदाता सूची का वितरण हो रहा था तो हमारे लोगों को मतदाता सूची नहीं मिली क्योंकि हम मान्यता प्राप्त (दल) नहीं हैं. ये बेइज्जती है कि नहीं?"