पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने एक बार फिर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को घेरा है. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में जब पूर्ण मद्य निषेध का कानून लागू है, तब पिछली सरकार के समय उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर शराब पीने का आरोप एक गंभीर मामला है. राज्य सरकार को इसकी विस्तृत जांच करानी चाहिए. सुशील मोदी ने बुधवार (7 फरवरी) को बयान जारी करते हुए हमला बोला.

'अदि आरोप लगा तो कुछ प्रमाण होंगे'

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव के पद पर रहते उनकी ही पार्टी के विधान परिषद सदस्य रामबली सिंह ने यदि आरोप लगाए तो उनके पास कुछ प्रमाण भी होंगे. उन्होंने कहा कि किसी की विधान परिषद सदस्यता समाप्त या बहाल करना सभापति का विशेषाधिकार है, लेकिन शराबबंदी कानून तोड़ने के आरोप की जांच तो सरकार करा ही सकती है.

आगे बीजेपी नेता ने कहा कि शराब पीने, रखने या उसका व्यापार करने पर पूर्ण प्रतिबंध का कानून 2016 से लागू है. कानून तोड़ने पर जब सामान्य नागरिक को दंडित किया जाता है, तब तेजस्वी यादव के दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई हो सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल होने के नाते तेजस्वी यादव पर शराबबंदी कानून लागू कराने की जिम्मेदारी थी, जबकि उन पर ही कानून तोड़ने के आरोप लगना कोई सामान्य बात नहीं है.

बता दें कि आरजेडी के एमएलसी रामबली सिंह की सदस्यता हाल ही में रद्द की गई है. इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में उन्होंने कहा था कि तेजस्वी यादव भी शराब पीते हैं. उनका बयान पिछले साल सामने आया था. इस संबंध में सभापति को पत्र लिखा गया था. उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की गई थी. छह फरवरी को कार्रवाई का पत्र सामने आया था. विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने रामबली सिंह की सदस्यता रद्द कर दी.

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