पटना: नए साल में बिहार लौटने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार सूबे की एनडीए सरकार को घेर रहे हैं. तेजस्वी अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर बिहार के शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने पूछा है कि क्या सत्ताधारी दल के किसी भी नेता की पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की औकात है?


ट्वीट कर कही ये बात


नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि बिहार की ड़बल इंजन सरकार, एनडीए के अनेक दलों, एनडीए के 40 में से 39 लोकसभा सांसदों, 9 राज्यसभा सांसदों, बिहार से केंद्र में आधा दर्जन मंत्रियों, दो-दो उपमुख्यमंत्रियों और मुख्यमंत्री की क्या इतनी नैतिक और राजनीतिक औकात है कि पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिला सके?


बता दें कि लंबे समय से पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग की जा रही है. कई बार आश्वासन भी दिया गया है. लेकिन इस ओर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.


बजट सत्र को लेकर साधा था निशाना


गौरतलब है कि इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा के बजट सत्र को कम दिनों का करने पर सरकार को घेरा था. तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि बेवजह बिहार विधानसभा सभा के बजट सत्र को कम किया जा रहा है.


उन्होंने कहा था कि वैक्सीन से सत्र का कोई लेना देना नहीं है. विधानसभा सत्र नए चुने गए विधायकों के लिए सीखने का एक अच्छा अवसर होता है. इसलिए वो और उनकी पार्टी इस फैसले का विरोध करते हुए परम्परागत तरीके से सत्र चलाने का मांग करती है.


सीएम आवास के घेराव की दी चेतावनी


उन्होंने कहा था कि अगर विधानसभा परंपरागत तरीके से नहीं चलती है तो वे अपने साथियों के साथ मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे. तेजस्वी यादव ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि आगामी विधानसभा का बजट सत्र सरकार की ओर से महज चार दिन के लिए तय किया गया है. हालांकि, सरकार ने इसके पीछे का कारण कोरोना की वैक्सीन को लेकर चल रही अपनी तैयारियों में अफसरों की व्यस्तता बताई है.


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