जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव ने मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाकर ‘वीबी-जी राम जी’ कानून बनाए जाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने साफ कहा कि महात्मा गांधी का नाम कोई हटा नहीं सकता. उन्होंने कहा कि गांधी जी और भगवान राम दोनों के प्रति उनके मन में समान सम्मान है.
'गांधी जी भी राम जी का नाम लेते थे'
तेज प्रताप यादव ने अपने बयान में कहा, “महात्मा गांधी जी को देखिए कोई हटा नहीं सकता है, ठीक है. महात्मा गांधी भी राम जी का ही नाम लेते थे. जब भगवान का नाम आ गया तो उसमें हम क्या बोल सकते हैं? गांधी जी के लिए भी रिस्पेक्ट है और भगवान राम के लिए भी रिस्पेक्ट है.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरे विषय को किसी तरह के टकराव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बना विधेयक
बता दें कि राष्ट्रपति ने वीबी-जी राम जी विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही यह विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है. सरकार के मुताबिक, इस नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों को साल में अब 125 दिन का वैधानिक मजदूरी रोजगार मिलेगा, जो पहले की व्यवस्था से अधिक है.
ग्रामीण रोजगार और सशक्तिकरण पर जोर
सरकार का कहना है कि इस कानून का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. इसके जरिए गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे पलायन पर रोक लगेगी और गरीब परिवारों की आय में स्थिरता आएगी. सरकार का यह भी दावा है कि इससे ग्रामीण इलाकों में विकास की रफ्तार तेज होगी.
सरकारी बयान के अनुसार, वीबी-जी राम जी कानून के तहत अलग-अलग ग्रामीण योजनाओं के बीच बेहतर समन्वय किया जाएगा. इससे योजनाओं का लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचेगा.