बिहार में सत्तारूड़ गठबंधन दल NDA में सीट बंटवारे को लेकर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर अपनी नाराजगी जाहिर की है. गया में उन्होंने साफ कहा कि उनकी पार्टी को एनडीए में उसका वाजिब हक मिलना चाहिए, खासकर राज्यसभा में.

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जीतन राम मांझी ने कहा, "अब भी हम नहीं कहते हैं कि सीट नहीं मिलेगी. हम देख रहे थे कि खबरों में कहा जा रहा था कि JDU को 2 राज्यसभा सीटें, BJP को 2 और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को एक सीट दी जा रही है. ऐसे में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) कहां है? इसलिए हमको मांग करना चाहिए."

'2024 में किया था राज्यसभा सीट देने का वादा'

मांझी ने 2024 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, "उस समय हमसे कहा गया था कि दो लोकसभा सीटें दी जाएंगी. बाद में कहा गया कि एक राज्यसभा सीट दी जाएगी. उस समय हमें एक लोकसभा सीट दी गई और हम वह चुनाव जीत भी गए."

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उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमें मंत्री भी बनाया, लेकिन आज राज्यसभा की एक सीट बकाया है." मांझी ने आगे कहा, "2024 के चुनाव और लोकसभा के परिणाम के आधार पर ही अप्रैल में जो राज्यसभा का चुनाव होगा, उसमें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को एक सीट मिलनी चाहिए. यही मेरी मांग है."

जीत राम मांझी का कहना है कि यह बात वह अपने पार्टी के पदाधिकारियों से कह रहे हैं, क्योंकि हम पार्टी में पदाधिकारी नहीं हैं. हमारा राष्ट्रीय अध्यक्ष मांग कर सकता है, हमारा प्रवक्ता मांग कर सकता है, हमारा प्रधान सचिव मांग कर सकता है. हम तो पार्टी के संरक्षक हैं, इसलिए पार्टी के लोगों से यह बात कह रहे हैं.

अलग होने की अटकलों पर जवाब

एनडीए से अलग होने की चर्चाओं पर मांझी ने कहा, "जहां तक अलग होने की बात है, जब तक संगठन हमारे साथ है, शायद अलग होने की बात कोई नहीं कहेगा. लोग इसे गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. हमने यह कहा कि आज हम मान्यता प्राप्त पार्टी नहीं हैं, क्योंकि हमारे पास 8 सीटें नहीं हैं. अगर हमें कम से कम 10 सीटें मिलतीं और हम 8 जीत जाते, तो हम मान्यता प्राप्त पार्टी बन जाते."

मान्यता प्राप्त पार्टी बनने का लक्ष्य

जीतन राम मांझी ने कहा, "हमें 50, 60 या 100 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. चुनाव लड़ेंगे तो हमारा 6 प्रतिशत वोट आएगा और हम मान्यता प्राप्त पार्टी बन जाएंगे. हम यह बात सिर्फ इसलिए कह रहे हैं ताकि अपनी पार्टी को मान्यता प्राप्त कराया जा सके.”