आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को लेकर जारी है कि वे नई पार्टी बनाएंगे. इस बीच उन्होंने एक और काम कर दिया है. उन्होंने एक नया सोशल मीडिया पेज लॉन्च किया है. रविवार (20 जुलाई, 2025) को तेज प्रताप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और फेसबुक पर 'टीम तेज प्रताप यादव' नाम से एक पेज बनाया और समर्थकों से इसे फॉलो करने की अपील की.

तेज प्रताप यादव ने पेज पर अपने माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की तस्वीर भी लगाई है. उन्होंने एक नारा, 'जिसका कायम है प्रताप, वो है आपका अपना तेज प्रताप' भी लिखा है. तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक दूसरे पोस्ट में लिखा, "जनता दरबार- सीधी बात-सीधा समाधान. आज शाम आयोजित जनता दरबार में राज्यवासियों की समस्याओं को सुना और त्वरित समाधान हेतु उचित कार्रवाई की. हमारा उद्देश्य हर व्यक्ति की समस्या को सुना जाए और उसका समाधान तुरंत किया जाए."

तेज प्रताप यादव के इस कदम से इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या वो नई पार्टी बनाने की तैयारी में हैं. हालांकि, उन्होंने अभी तक इस संबंध में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन उनकी सियासी सक्रियता इस बात का संकेत दे रही है कि आने वाले दिनों में नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते हैं.

आरजेडी से निकाले जा चुके हैं तेज प्रताप

बता दें कि बीते दिनों तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर अनुष्का नाम की एक लड़की के साथ तस्वीर साझा की थी, जिसमें दावा किया गया था कि वे 12 साल से रिश्ते में थे. तेज प्रताप यादव के इस कदम को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अनुशासनहीनता मानते हुए आरजेडी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.

विवाद को बढ़ते देख तेज प्रताप यादव ने यह पोस्ट डिलीट कर दिया लेकिन, उनकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद उन पर सवाल उठने लगे. इसके बाद लालू प्रसाद यादव ने न केवल तेज प्रताप को पार्टी से निष्कासित कर दिया बल्कि उनसे पारिवारिक संबंध भी तोड़ने का फैसला किया.

पार्टी ने तेज प्रताप यादव के निष्कासन के संबंध में पत्र जारी कर दिया, लेकिन बिहार विधानसभा को अभी तक औपचारिक रूप से इसकी सूचना नहीं दी गई है. ऐसे में आगामी बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान तेज प्रताप यादव के विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बगल में ही बैठने की उम्मीद है. अब देखना होगा कि तेज प्रताप की तमाम कोशिशों के बाद चुनाव में उन्हें कितना फायदा होता है.