बिहार के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. राज्य सरकार ने रविवार को गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी और नेपाल में हो रही भारी बारिश को देखते हुए अलर्ट जारी किया है. इसको लेकर विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत ने आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) की एक उच्च स्तरीय बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की.
सभी विभाग अलर्ट मोड पर
डीएमडी के जारी बयान में कहा गया है कि गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही नेपाल के गंडक और कोसी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है. इसे देखते हुए विभाग के सभी प्रकोष्ठों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.
इसके साथ ही डीएमडी ने कहा है कि ‘‘सोन नदी के जलग्रहण क्षेत्रों सहित बिहार के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है. ऐसे में सभी संबंधित जिलों को सतर्क रहना होगा.’’
जिलों को दिए गए विशेष निर्देश
पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सारण, पटना, वैशाली, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, खगड़िया, भागलपुर, अरवल, औरंगाबाद, भोजपुर और रोहतास जिलों के जिलाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में भाग लिया. सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे बाढ़ की स्थिति में तुरंत लाउडस्पीकर से लोगों को जानकारी दें और राहत व बचाव कार्यों के लिए जल्द कदम उठाएं.
राहत शिविर और रसोई की तैयारी
आपदा प्रबंधन विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर और सामुदायिक रसोई स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार रहें. अगर पानी रिहायशी इलाकों में जाता है तो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तुरंत एक्शन लेने को कहा गया है.
एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की तैनाती पर फोकस
डीएमडी ने जल संसाधन विभाग, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) को भी सतर्क रहने को कहा है. इन दलों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की हिदायत दी गई है.
कोसी बैराज का जलस्तर बढ़ा
कोसी बैराज में वर्तमान जलप्रवाह 1,10,845 क्यूसेक दर्ज किया गया है. हालांकि, नेपाल में लगातार बारिश हो रही है, जिससे इसमें और वृद्धि हो सकती है. फिलहाल सभी तटबंधों को सुरक्षित बताया गया है, लेकिन विभाग ने क्षेत्रीय इंजीनियरों और ठेकेदारों को हाई अलर्ट पर रखा है.
बाढ़-रोधी सामग्री और तटबंध तैयार
डीएमडी ने जानकारी दी है कि बाढ़-रोधी सामग्री को संवेदनशील स्थानों पर जमा कर दिया गया है और सभी संबंधित इकाइयों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है. विभाग ने दावा किया है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी संसाधन और मानवबल तैनात हैं.