सहरसाः आजादी के वर्षों बाद आज भी लोग इलाज के लिए डॉक्टरों की जगह ओझा और तांत्रिक का सहारा ले रहे हैं. मामला सहरसा जिले का है जहां सांप काटने के बाद नरियार गांव के 30 वर्षीय युवक रंजीत यादव को सदर अस्पताल लाया गया. जब यहां स्थित बिगड़ने लगी तो परिजनों ने मैना माहपुरा से एक महिला तांत्रिक को बुलाकर झाड़-फूंक कराने लगे.


इधर, अस्पताल में पहुंचने के बाद महिला तांत्रिक ने अपना काम शुरू कर दिया. कभी कुछ मंत्र पढ़ने लगी तो कभी नीम के पत्ते से युवक को झाड़ने लगी. घंटों यह तमाशा सदर अस्पताल परिसर में चलता रहा और अस्पताल प्रशासन मूकदर्शक बना रहा. इस दौरान यह सबकुछ देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ जुट गई.


परिजनों ने इलाज के बुलाया था महिला तांत्रिक


इस संबंध में युवक को लेकर आई महिला ने कहा कि सांप काटने के बाद ये लोग सदर अस्पताल में आए थे. युवक की हालत खराब थी. इसके बाद हमलोगों ने ही बुलाया था. झाड़-फूंक के बाद मरीज में कुछ असर दिखा है. इधर, महिला तांत्रिक ने कहा कि वह माहपुरा से आई है और मंदिर में रहती है. उसने कहा कि परिजनों ने इस काम के लिए बुलाया था. इसके बाद वह सदर अस्पताल आई.


इधर, इस मामले में जब सदर अस्पताल के प्रबंधक अमित कुमार चंचल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है. इसके बारे में जानकारी ली जाएगी. इसके बाद जो भी कार्रवाई होगी वह की जाएगी. कुछ लोगों ने कहा कि अक्सर ऐसा दृश्य सदर अस्पताल में दिख जाता है.


नोटः एबीपी बिहार अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है. ऐसे मामलों में सीधे डॉक्टर से संपर्क कर इलाज कराएं.


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