पटना: विपक्षी एकता को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लगातार पहल कर रहे हैं. सोमवार (24 अप्रैल) को नीतीश कुमार ने एक तरफ ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मुलाकात की तो दूसरी ओर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से भी वो मिले. सवाल है कि क्या नीतीश कुमार की मेहनत रंग ला पाएगी? क्या विपक्ष मजबूत होगा? मंगलवार (25 अप्रैल) को बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने एबीपी न्यूज़ से खुलकर बात की.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि देश में दो ही बार विपक्षी एकता हुई है. 1977 में और 1990 में लेकिन दोनों बार करप्शन बड़ा मुद्दा था. आज क्या देश में करप्शन मुद्दा है? दोनों बार सत्ताधारी पार्टी पर करप्शन का मामला था, चाहे बोफोर्स का मामला हो चाहे इंदिरा गांधी के समय की सरकार में इमरजेंसी का मामला हो, आज तो विपक्ष पर ही करप्शन का आरोप लग रहा है. करप्शन में लिप्त लोग अपने को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं.


विपक्षी एकता को लेकर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उस समय जेपी ने सभी दलों को एकजुट किया था, आज क्या है? दूसरी बात की नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश गए अखिलेश यादव से मिले तो मायावती से क्यों नहीं मिले? वहां ताकत कांग्रेस तो नहीं है वहां तो ताकत मायावती और अखिलेश यादव हैं. दूसरी बात कि वे  बंगाल में ममता बनर्जी से मिले लेकिन वहां ममता बनर्जी की लड़ाई कांग्रेस से रहती है. सबसे बड़ी बात है कि कोई भी क्षेत्रीय दल अपनी जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि कांग्रेस की जमीन पर यह लोग खेती कर रहे हैं.


'हमलोग इतिहास बनाने वाली पार्टी हैं'


वहीं एक सवाल पर कि नीतीश कुमार कह रहे हैं जो लोग इतिहास बदलना चाहते हैं उनको बदलना जरूरी है. इस पर सुशील मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इतिहास बनाने वाली पार्टी है और जो वामपंथी मार्क्सवादी पार्टियों का जो इतिहास रहा है उसमें कुछ संशोधन किया गया है और यह लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं कि मुगल सल्तनत का जो चैप्टर था वह हटा दिया गया है. सिर्फ एक चैप्टर हटाया गया है, दो चैप्टर अभी भी है. गुजरात दंगे को हटाया गया है तो सिख दंगे को भी हटाया गया है. हम लोग तो इतिहास बनाने वाली पार्टी हैं. यही कारण है कि दो बार प्रचंड बहुमत से सरकार बना कर इतिहास रचे हैं.


नीतीश कुमार कह रहे हैं कि बीजेपी को डर है कि सब लोग एकजुट होते हैं तो 60 से नीचे बीजेपी चली जाएगी इस पर सुशील मोदी ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और मायावती दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा था. काफी चर्चा थी कि बुआ-भतीजा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, क्या हुआ सब लोग जानते हैं. उससे पहले यूपी के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और अखिलेश यादव एक साथ चुनाव लड़े, क्या हुआ? बीजेपी की सरकार बनी.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि देखिए पार्टी के नेता के एक हो जाने से जनता एक नहीं हो जाती है. ये वही ममता बनर्जी हैं जब नीतीश कुमार ने बीजेपी का समर्थन किया था तो उन्होंने पटना में एक सभा कर नीतीश कुमार को गद्दार बताया था. क्या केसीआर और कांग्रेस का समझौता होगा?


नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए क्या मुद्दा?


एक सवाल पर कि ममता बनर्जी कह रही हैं कि जिस तरह जेपी आंदोलन हुआ था उसी तरह पूरे देश में मोदी हटाने को लेकर आंदोलन चले. इस पर सुशील मोदी ने कहा कि नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए क्या मुद्दा होगा? देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी जाने जाते हैं और उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं तो इमरजेंसी को हटाने का मुद्दा था. इस बार क्या होगा?


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