Sri Sri Ravi Shankar: आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने शुक्रवार को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में कई मुद्दों पर बात की. आध्यात्मिक गुरु ने कहा वर्ष 2005 के पहले बिहार में नरसंहार का दौरा चल रहा था. रणवीर सेना और भाकपा माले के समर्थकों के बीच अक्सर जंग होते थे और दोनों ओर से बड़े-बड़े नरसंहार होते थे. लेकिन 2005 के बाद बिहार में नरसंहार बंद हो गए.
जहां एक तरफ नीतीश सरकार दावा करती है कि हमने लॉ एंड ऑर्डर दुरुस्त किया तो नरसंहार होना बंद हो गया थे. लेकिन इन दिनों ऋषिकेश से पटना पहुंचे शंकराचार्य श्री श्री रविशंकर ने पुराने दिनों की बात ताजा करते हुए बताया कि हमारी पहल से बिहार में नरसंहार रुका था.
‘रणवीर सेना और भाकपा माले में जमकर जंग होती थी’पटना में अपने सत्संग के दौरान श्री श्री रविशंकर सत्संग ने बिहार के पुराने दिनों की याद को ताजा किया जब बिहार में रणवीर सेना और भाकपा माले के बीच जमकर जंग होते थे. उन्होंने कहा कि बात उस समय की है जब बिहार में रणवीर सेना काफी प्रबल थी और भाकपा माले भी पूरी तरह सक्रिय थी. उस वक्त हमने अपने दो टीचर को बिहार भेजा था.एक को जिम्मा दिया था कि रणबीर सेना के लोगों से बात करो और दूसरे के जिम्मे में दिया था कि भाकपा माले के लोगों से बात करो और दोनों को ऋषिकेश के आश्रम में लेकर आओ.
‘रणवीर सेना और भाकपा माले के लोगों को बुलाया’आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि दोनों अपने-अपने संस्था के पैसे से टिकट कटाकर ऋषिकेश आए. भाकपा माले वाले के मन में चल रहा था कि चलो बाबा ने बुलाया है तो कुछ माल वाल देंगे. रणवीर सेना के भी लोग आ गए थे. दोनों अलग-अलग ट्रेन में आए थे. जब दोनों को पता चला कि दूसरे पार्टी के लोग भी यहां है तो उस वक्त बम विस्फोट होने वाली स्थिति बन गई थी. दोनों ने हमसे कहा कि आपने हमको धोखा दे दिया, हम लोगों को पता होता कि यह लोग आ रहे हैं तो हम लोग नहीं आते. उस वक्त काफी गर्मा गर्मी का वातावरण बन गया था.
‘एक भी नरसंहार नहीं हुआ है’श्री श्री रविशंकर ने बताया कि उस वक्त उतना साधन नहीं था ट्रेन का रिजर्वेशन कराते तो आते और तुरंत वापस आना उस समय मुश्किल था. तो दोनों के पास आश्रम में रात में रुकने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं था. वे लोग रुके और उसी दिन हमने दोनों को सुदर्शन क्रिया कराया,ध्यान ज्ञान कराया और फिर दोनों को मिलवाया था. उन्होंने दावा किया कि उसका वीडियो अभी भी मेरे पास है. शंकराचार्य ने कहा कि उन दोनों ने अपना अनुभव हमसे शेयर किया,वह हृदयस्पर्शी रहा था. उसके बाद आप लोगों ने देखा होगा कि एक भी नरसंहार नहीं हुआ है.
यह भी पढ़ें: International Women's Day 2025: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर CM नीतीश ने खास अंदाज में दी बधाई, जानें क्या कहा?