पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने के अपने फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण के फैसलों में सहमति नहीं लिए जाने से शकील अहमद नाराज हैं. उन्होंने शनिवार (22 नवंबर) को कहा कि कांग्रेस से इस्तीफा देने का उनका कारण यही रहा कि राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी से जो बिहार में टिकट बांटने का दायित्व लेकर आए थे, उन्होंने एक बार भी वरिष्ठ नेता से विचार-विमर्श नहीं किया, जिसका खामियाजा यह हुआ कि सभी जगह हार का सामना करना पड़ा.

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मधुबनी में शनिवार को एक निजी होटल के सभागार में मीडिया से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने कहा, ''जिनको भी ये लगता हो कि बेनीपट्टी विधानसभा से भावना झा के लिए हम प्रयासरत थे तो ये बात सही नहीं है.'' 

भावना झा को लेकर क्या बोले शकील अहमद?

उन्होंने आगे कहा, ''मैंने छह महीने पहले ही भावना झा को चुनाव नहीं लड़ने के लिए बोल दिया था. इसका कारण था कि बेनीपट्टी, जाले ये सीट ऐसा है कि यहां आरजेडी गठबंधन के विरुद्ध मतदान होता है. आज तक यहां से आरजेडी गठबंधन में रहते कभी भी कांग्रेस यह सीट नहीं बचा पायी. यहां शालीग्राम यादव जदयू से जीते. राम अशीष यादव निर्दलीय जीते, युगेश्वर झा कांग्रेस से तब जीते जब गठबंधन नहीं था.'' 

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'भावना झा जब जीतीं, तब JDU के साथ गठबंधन था'

पूर्व केंद्रीय मंत्री ये भी कहा, ''भावना झा जब जीतीं, तब जदयू के साथ गठबंधन था. जब भी आरजेडी से गठबंधन रहा कोई नहीं जीत सका. वहीं हरलाखी में सब्बीर अहमद को अगर टिकट मिलता तो वो सीट जीता जा सकता था. लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने किसी से विमर्श नहीं किया. इसी कारण से मैंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है.''

शकील अहमद कौन सी पार्टी करेंगे ज्वाइन?

पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने ये भी कहा कि वो कोई अन्य पार्टी ज्वाइन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आगे हम कांग्रेस को आजीवन वोट और मदद करते रहेंगे. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को महज 6 सीटों पर जीत मिली है. महागठबंधन की सीटों का आंकड़ा 35 पर ही सिमट गया. दूसरी तरफ एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 202 सीटों पर जीत दर्ज की.