पटना: रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा की घटना के बाद सासाराम और नालंदा में अभी भी प्रशासन अलर्ट है. बिहार के ये दो जिला हिंसा की घटना में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे. प्रशासन ने इंटरनेट भी बंद कर रखा है, जिससे अफवाह पर लगाम लगाया जा सके. वहीं, सासाराम में आज शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए कुल 28 मस्जिदों (Mosques) में दंडाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती की गई है. जिले में अभी भी भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.


8 दिनों से इंटरनेट सेवा बाधित


सासाराम में 102 जगहों पर दंडाधिकारी को साथ-साथ पुलिस के जवानों को भी तैनात किया गया है. प्रभावित इलाकों में केंद्रीय फोर्स की भी तैनाती की गई है. जिले में लगातार 8 दिनों से इंटरनेट सेवा बाधित है. डीएम धर्मेंद्र कुमार ने शांति के लिए लोगों से अपील की है. वहीं, जुम्मे की नमाज को लेकर प्रशासन सतर्क है. शहर में हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं, जिससे असामाजिक तत्वों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके. शहर की स्थिति फिर से नहीं बिगड़े.


20 नामजद और 250 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज


सासाराम हिंसा मामले में 20 नामजद और 250 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है.अब तक इस मामले 57 की गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस की 40 टीमें उपद्रवियों को चिह्नित कर उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही हैं. सासाराम में हुई हिंसा की घटना के बाद नगर थाना क्षेत्र में कुल चार प्राथमिकी की गई है.


रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई थी सांप्रदायिक हिंसा की घटना


बता दें कि सासाराम में 30 मार्च को रामनवमी के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. इस दौरान कई लोग घायल हो गए थे. लिहाजा, हालात को सामान्य करने के लिए प्रशासन ने जिले में इंटरनेट सेवा को बैन कर दिया है, ताकि किसी तरह की अफवाह को हवा नहीं दी जा सके. इसके साथ ही किसी अनहोनी को टालने के लिए स्कूल और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया था.


ये भी पढ़ें: Manish Kashyap News: यूट्यूबर मनीष कश्यप की बढ़ी मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, अब 10 अप्रैल को होगी सुनवाई