पटना: सम्राट अशोक के सम्मान को लेकर शुरू हुई बहस अब जेडीयू (JDU) और बीजेपी (BJP) नेताओं के निजी बहस में तब्दील हो गई है. दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर निजी हमले कर रहे हैं और भाषाई सीमा को भूलकर बयान जारी कर रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने बीते दिनों जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा (Abhishek Jha) द्वारा उन पर उठाए गए सवालों का जवाब दिया है. बेतिया सांसद ने कहा कि जेडीयू प्रवक्ता द्वारा किए सवाल को मैं जेडीयू की ओर से किए गए सवाल के रूप में देखता हूं क्योंकि प्रवक्ता पार्टी के ही होते हैं. उनकी निजी राय नहीं होती.

 

प्रशासनिक विफलता को झुठला नहीं सकते

 

उन्होंने कहा, "
  मैं अभिषेक झा को बता दूं कि मैं जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों के घर गया था. अगर भविष्य में भी कभी मेरे लोकसभा क्षेत्र में इस तरह की दुर्घटना होगी तो मैं हर हालत में जाऊंगा और आर्थिक मदद भी करूंगा. अगर कोई व्यक्ति जहरीली शराब से मरता है, तो उसने निश्चित तौर पर अपराध किया है पर इससे प्रशासनिक विफलता के दाग को बचाया नहीं जा सकता और जब मैं इस शासन के एक घटक का अध्यक्ष हूं तो यह मेरी भी विफलता है. "

 

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, " मैं याद दिला दूं कि मैंने कहा था कि शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा होनी चाहिए. मैं पूरी तरह से शराबबंदी का समर्थक हूं और मानता हूं कि शराब बहुत बड़ा सामाजिक अपराध है जो पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है. फिर भी मैं यह मानता हूं कि जिस श्रेणी का अपराध हो सजा उसी श्रेणी की होनी चाहिए. 

 

सरकार के सामने रखी बड़ी मांग

 

उन्होंने कहा, " कानून के तहत आम लोगों को छोड़ कर 10 साल के जेल का प्रावधान केवल उन पुलिस अधिकारियों के लिए होना चाहिए जिन्होंने नीतीश कुमार के इतने अच्छे सामाजिक सोच को नुकसान पहुंचाया है. अगर मेरी बात समझ में नहीं आ रही हो तो मीडिया की दुनिया से बाहर जाकर अपने पंचायत के किसी भी आम व्यक्ति से संपर्क कर लें. आपको शराबबंदी और पुलिस की भूमिका अच्छे से समझ में आ जाएगी." 


जेडीयू प्रवक्ता ने किया पलटवार

 

इधर, संजय जायसवाल के इस वार पर जेडीयू प्रवक्ता ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, " आपके लंबे प्रवचन का जवाब देने का कोई अर्थ नहीं है. 12 जनवरी को आपने एक बयान जारी किया था. उस दिन आपने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को कमजोर करने वाली बात कही थी. आज भी आपने एक बयान जारी किया है. दोनों बयानों में इतना विरोधाभास है कि यह आपका राजनीतिक आचरण उजागर करता है."

 

अभिषेक झा ने कहा, " आपने जेडीयू प्रवक्ता से जेडीयू पार्टी को जोड़ने की बात कही. बिहार प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जो भी आप बोलते हैं या जो आपका राजनीतिक आचरण है वही पूरी पार्टी का आचरण है ना? शराबबंदी की नीति के खिलाफ या सरकार के खिलाफ आपने जो भी बातें कहीं हैं वह पार्टी का बयान है ना? राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बात हो या पार्टी की बात, हर आदमी स्वतंत्र है. आपके बयान से साफ मालूम चल रहा है कि आप अपने द्वारा दिए गए दो विरोधाभासी बयानों पर सफाई देने की कोशिश कर रहे हैं. आप दया शंकर सिन्हा जैसे व्यक्ति के पद्मश्री और अन्य पुरस्कार वापसी की मांग का समर्थन करते हैं या नहीं? स्पष्ट करने की कृपा करें." 

 

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