पटना: बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर राजद ने आज अपने प्रत्याशियों को टिकट देकर चुनावी बिगुल फूंक दी है. इस टिकट बंटवारे को लेकर पहले से हीं विवाद में रही राजद ने एक और नये विवाद को हवा दे दी है. महागठबंधन में सीटों की घोषणा के ठीक पहले हाथरस में हुए दलित के बलात्कार मामले पर 2 मिनट का मौन का ऐलान करने वाले राजद के मुख्यमंत्री पद के दावेदार ने खुद अपने हीं बनाए घेरे को तोड़ दिया, और रेप केस के दो आरोपी विधायकों की पत्नीयों को दिया टिकट.

दागियों को टिकट नही देने का फरमान

इस बार विधान सभा चुनाव में सरकार ने ऐलान करते हुए कहा था. कि हम दागियों को टिकट नही देंगें. तो भला विपक्ष इस मुद्दे से अलग कैसे रहता, उसने भी इसी पंच को आजमाया लेकिन ऐसे में फर्क सिर्फ इतना रहा कि दागियों को टिकट नही देकर उनके परिजनों को उम्मीदवार बनाया.राजद ने दो ऐसे चेहरों जो कि रेप जैसे संगीन जुर्म में या तो जेल में बंद है या फिर फरार हैं. को टिकट नहीं दिया है .लेकिन उनकी पत्नियों को टिकट दिया है. नवादा से राजद से निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव जिन्हे नाबालिग के रेप मामले में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई है .उनकी पत्नी विभा देवी को पार्टी ने चुनाव चिन्ह दिया है. दूसरा भोजपुर जिला के संदेश विधायक अरुण यादव जो कि नाबालिग से रेप मामले में फरार हैं उनकी पत्नी किरण देवी को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है.

राजद के इस फैसले पर जेडीयू ने ली चुटकी

जेडीयू इस मुद्दे पर मुखर हो गई है. और जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने तो यहां तक कह डाला कि हाथरस की घटना पर घड़ियाली मौन रह कर आंशू बहाने वाले पाखंडपूर्ण विपक्ष का चेहरा उजागर हो गया है. अगर चुनाव आयोग और न्यायपालिका के गाइडलाइन्स नही होते तो राजद आरोपियों को भी टिकट देने से गुरेज नही करती.

राजद की अपनी दलील

जेडीयू के इस पलटवार पर राजद प्रवक्ता मृतुंजय तिवारी ने कहा, कि आरोप प्रत्यारोंपों के ऐसे मामलों का जवाब अब जनता देगी. पार्टी ने आरोपियों को तो टिकट दिया नही है. उनके परिजनों ने तो कोई अपराध नही किया है.ऐसे में जनता की अदालत है जो फैसला जनता की होगी उसी से उन्हे जवाब मिल जाएगा. चुनावी मैदान में अब रणबांकुरे उतर गए हैं. फैसला जनता के हाथ में है. जनता किन-किन मुद्दों पर फैसला लेगी ये तो वक्त हीं बताएगा. लेकिन इतना तो साफ है कि विरोधियों की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखने वाले जनता को जगाने में कोई कसर नही छोड़ना चाहते.