आईआरसीटीसी घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. इस पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है. तेजस्वी यादव ने कहा कि न्यायालय का हम लोग सम्मान करते हुए बस इतना ही कहना चाहते हैं कि हमेशा से लड़ते आए हैं, आगे भी लड़ेंगे. तूफानों से लड़ने में मजा ही कुछ और है. हमने हमेशा संघर्ष के पथ को चुना है. हम अच्छे मुसाफिर भी बनेंगे और मंजिल पर भी पहुंचेंगे. 

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तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझे लगता है इस पर बहुत ज्यादा बोलने की आवश्यकता नहीं है. बिहार की जनता समझदार है और वो जानती है कि क्या होना है. जिस व्यक्ति ने 90 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा रेलवे को दिया, हर बजट में किराया कम किया, ऐतिहासिक रेल मंत्री के रूप में जाने गए, तो बिहार के लोग जानते हैं, देश के लोग जानते हैं कि सच्चाई क्या है. जब तक बीजेपी रहेगी और मेरी उम्र रहेगी हम बीजेपी से लड़ते रहेंगे.

क्या है आईआरसीटीसी घोटाला?

यह मामला भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के दो होटलों के संचालन के ठेके एक निजी कंपनी को देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, 2004 और 2014 के बीच कथित तौर पर एक साजिश रची गई थी जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया और बाद में, इनके संचालन, रखरखाव और देखभाल के लिए, बिहार के पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया.

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एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई और निजी संस्था सुजाता होटल्स की मदद के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया. आरोपपत्र में आईआरसीटीसी के समूह महाप्रबंधक रहे वीके अस्थाना और आर के गोयल, और सुजाता होटल्स के निदेशक और चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर तथा विनय कोचर के भी नाम हैं. डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है, और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपपत्र में आरोपी कंपनियों के रूप में नामित किया गया है.