Bihar Budget: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने बिहार में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पेश हुए बजट को लेकर सवाल उठाया है. मंगलवार (04 मार्च, 2025) को रोहिणी आचार्य ने एक्स पर पोस्ट करते हुए सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से पूछा कि कहां से आएगा पैसा?
रोहिणी ने कहा कि 3.17 लाख करोड़ के आंकड़ों की बाजीगरी वाले बजट को प्रस्तुत कर खुद अपनी पीठ थपथपाने में मशगूल नीतीश सरकार को ये समझना होगा कि आर्थिक विकास के साथ मानव विकास और मानव विकास की खुशहाली के सूचकों का सतत मूल्यांकन किए जाने वाली आर्थिक नीति व व्यवस्था आज बिहार की सबसे बड़ी जरूरत है. बिहार में डबल-इंजन वाली सरकार को उन्होंने फेल बताया है.
'बिहार पर और कर्ज का बोझ लादा जाएगा?'
सोशल मीडिया पोस्ट में रोहिणी आचार्य आगे लिखती हैं, "नीतीश कुमार जी, बीमार स्टेट बन चुके बिहार के इतने बड़े साइज के प्रस्तावित बजट के लिए पैसा कहां से आएगा? बदहाल जनता की जेब से दोहन के माध्यम से? जिस प्रदेश से पिछले 19 सालों से श्रम-शक्ति का पलायन अनवरत जारी है, जिस प्रदेश के बेरोजगारी के आंकड़े भयावह हैं, जिस प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम (183/- रुपये प्रतिदिन) है, जिस प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का अस्तित्व ही नहीं है, जिस प्रदेश में देश भर में फैले उद्योगों का महज 1.3% (फीसद/प्रतिशत) उद्योग मौजूद है, जहां कृषि आधारित अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, वहां राजस्व का स्रोत क्या होगा? क्या पहले से कर्ज में डूबे बिहार पर और कर्ज का बोझ लादा जाएगा?"
रोजगार देने की बात महज जुमला: रोहिणी
रोहिणी ने सीएम पर हमला करते हुए कहा कि आपकी (नीतीश कुमार) सरकार के द्वारा प्रस्तुत बजट का सबसे निराशाजनक पहलू तो ये है कि देश की सबसे बड़ी युवा आबादी बिहार में रहती है, बावजूद इसके प्रदेश के बजट में युवा आबादी के लिए रोजगार सृजन की चर्चा तक नहीं है. आपकी ही सरकार ने 34 लाख नौकरी और रोजगार देने की घोषणा की है मगर बजट इस अहम मुद्दे पर मौन है. इसका मतलब साफ है कि 34 लाख रोजगार देने के लिए बजटीय प्रावधान नहीं किया गया है और रोजगार देने की बात महज जुमला है.
रोहिणी आचार्य ने पेंशन का भी मुद्दा उठाया. कहा, "नीतीश कुमार जी, प्रस्तुत बजट में गरीबों की सीधे तौर पर उपेक्षा की गई है. आपकी सरकार ने ही 94 लाख गरीबों को 2 लाख रुपये देने की घोषणा की थी मगर प्रस्तुत बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है. ऐसी ही अनदेखी/उपेक्षा बुजुर्गों के साथ की गई है. बुजुर्गों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि (रुपये 400/-) में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है."
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