बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. पटना रोड शो में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी को लेकर अब सियासी बयानबाजी देखने को मिल रही है. राजद सांसद संजय यादव ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि संदेश बिल्कुल साफ है- 14 नवंबर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सार्वजनिक रूप से एनडीए नेताओं के बीच नजर नहीं आएंगे.

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संजय यादव ने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो से दूर रहे, यह संकेत देता है कि सब कुछ ठीक नहीं है. उन्होंने दावा किया कि बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने वाला है और जनता जल्द ही इसका गवाह बनेगी. यादव ने कहा कि नीतीश कुमार अब बीजेपी के लिए बोझ बन चुके हैं. बीजेपी भी इस बात को समझ चुकी है और जल्द ही नीतीश जी को किनारे किया जाएगा.

भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं लोग- संजय यादव

संजय यादव ने आगे कहा कि बिहार में जनता महागठबंधन के साथ है. लोग अब रोजगार, महंगाई और भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं. नीतीश कुमार की राजनीति अब अंतिम पड़ाव पर है. उन्होंने बार-बार पाला बदलकर जनता के भरोसे के साथ खिलवाड़ किया है, अब जनता जवाब देगी.

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एनडीए में गहराती जा रही है अंदरूनी कलह- यादव 

राजद सांसद ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति यह साबित करती है कि एनडीए में अंदरूनी कलह गहराती जा रही है. प्रधानमंत्री के रोड शो जैसे बड़े आयोजन में अगर मुख्यमंत्री शामिल नहीं होते, तो यह केवल कार्यक्रमिक दूरी नहीं बल्कि राजनीतिक दूरी का संकेत है.

राज्य के विकास कार्यों की प्राथमिकता पहले से तय- जेडीयू नेता

जेडीयू नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम पहले से तय था, इसलिए वे रोड शो में शामिल नहीं हो सके. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नीतीश कुमार सरकार चलाने में व्यस्त हैं और राज्य के विकास कार्यों की प्राथमिकता तय कर रहे हैं.

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में नीतीश कुमार और भाजपा के रिश्तों में और तनाव देखने को मिल सकता है. बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के बीच यह दूरी भविष्य की सियासी तस्वीर को और दिलचस्प बना रही है.

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