बिहार की सियासत में एक बार फिर लालू परिवार के दो भाइयों, तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच विचारों का फर्क सामने आया है. महुआ विधानसभा सीट से उम्मीदवार तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई और राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी से बड़ी जनता होती है.
तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि हमारे छोटे और नादान भाई तेजस्वी ने आज महुआ में कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं होता. लेकिन हम अपने छोटे भाई से कहना चाहेंगे कि पार्टी से बड़ी हमारी आदरणीय जनता मालिक होती है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत जनता की होती है. कोई भी पार्टी या परिवार जनता से ऊपर नहीं है. जनता ही मालिक है और जनता ही तय करती है कि कौन सही है और कौन नहीं है.
मेरी राजनीतिक कर्मभूमि है महुआ- तेज प्रताप
महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे तेज प्रताप ने आगे कहा कि महुआ उनकी राजनीतिक कर्मभूमि है और वे इसे अपने जीवन से भी बढ़कर मानते हैं. उन्होंने कहा कि महुआ मेरे लिए केवल एक विधानसभा सीट नहीं, बल्कि मेरी आत्मा का हिस्सा है. पार्टी केवल एक व्यवस्था है, लेकिन जनता हमारी असली मालिक है. जनता के विश्वास के बिना राजनीति का कोई अर्थ नहीं है.
युवाओं के भविष्य के लिए करूंगा हर संभव प्रयास- तेज प्रताप
तेज प्रताप यादव ने महुआ की जनता के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि इस बार जनता उन्हें भारी मतों से जिताकर विधानसभा भेजेगी. महुआ की जनता ने हमेशा मुझे अपना आशीर्वाद दिया है. मैं वादा करता हूं कि इस क्षेत्र के विकास और युवाओं के भविष्य के लिए हर संभव प्रयास करूंगा.
तेज प्रताप के बयान ने बिहार में तेज कर दी राजनीतिक हलचल
तेज प्रताप यादव का यह बयान तब आया है जब हाल ही में तेजस्वी यादव ने एक जनसभा में कहा था कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं होता. इस टिप्पणी के बाद तेज प्रताप की प्रतिक्रिया ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का यह बयान न केवल उनके स्वतंत्र राजनीतिक रुख को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वे जनता को अपने राजनीतिक जीवन का केंद्र मानते हैं. बिहार की सियासत में यह बयान एक नई चर्चा को जन्म दे रहा है. आखिर लालू परिवार में जनता बनाम पार्टी की यह विचारधारा किस दिशा में जाएगी.
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