79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शुक्रवार (15 अगस्त, 2025) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आरएसएस का जिक्र किया गया. पीएम की तरफ से की गई टिप्पणी के बाद विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी लगातार सामने आ रही हैं. आरजेडी के नेता और सांसद मनोज झा ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि 11 सालों में लाल किले की प्राचीर से जब प्रधानमंत्री बोलते हैं तो हमें उम्मीद होती है कि देश के प्रधानमंत्री की तरह बिना विद्वेष, पूर्वाग्रह, झुकाव के बोलेंगे.

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मनोज झा ने कहा, "प्रधानमंत्री हर बार निराश करते हैं. आजादी का दिन है, आरएसएस की भूमिका पर चर्चा होती तो हमें बेहद खुशी होती. एक सांस्कृतिक संगठन है, आजादी में उसकी भूमिका का मूल्यांकन देश के प्रधानमंत्री को करना चाहिए. आज फर्क करना मुश्किल हो गया कि चुनावी भाषण है या लाल किले की प्राचीर से देश के लिए संबोधन है."

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, "आज, मैं गर्व के साथ कहना चाहता हूं कि 100 वर्ष पूर्व, एक संगठन का जन्म हुआ - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS). राष्ट्र सेवा के 100 वर्ष एक गौरवपूर्ण, स्वर्णिम अध्याय हैं. 'व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण' के संकल्प के साथ, मां भारती के कल्याण के उद्देश्य से, स्वयंसेवकों ने अपना जीवन मातृभूमि के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया... एक तरह से, आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन है. इसका 100 वर्षों का समर्पण का इतिहास है."

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एक स्वयंसेवक के रूप में मुझे बहुत गर्व हुआ: रविशंकर प्रसाद

उधर पीएम मोदी के भाषण पर बीजेपी के नेता गर्व कर रहे हैं. बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा, "आज प्रधानमंत्री मोदी का लाल किले की प्राचीर से ऐतिहासिक भाषण हुआ... उन्होंने साफ कहा कि मैं भारत के किसानों, गौपालकों, मछुआरों और दूध उत्पादन करने वालों के हित से कभी पीछे नहीं हटूंगा... एक स्वयंसेवक के रूप में मुझे बहुत गर्व हुआ कि RSS के 100 वर्ष पूरे होने पर उन्होंने लाल किले की प्राचीर से इसकी तारीफ की."

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