पटना: आरजेडी नेतृत्व द्वारा शनिवार को पार्टी के सभी विधायकों और विधान पार्षदों को हर महीने पार्टी के फंड में 10 हजार रुपये जमा करने का निर्देश जारी किए जाने के बाद सियासत शुरु हो गयी है. सत्ताधारी पार्टी के नेता लगातार आरजेडी के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं. इसी क्रम में रविवार को आरजेडी खेमे से पार्टी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी सामने आए और पार्टी के फैसले के संबंध अपनी बात रखी.

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आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि पार्टी विधायकों द्वारा पार्टी फंड में दान करने का चलन नया नहीं है. यह लंबे समय से चल रहा है. विधायकों और पार्टी के खर्चों के लिए सुविधाएं बढ़ी हैं, इसलिए 10,000 रुपये उस दृष्टिकोण से बहुत अधिक नहीं हैं. यह सभी राजनीतिक दलों में होता है.

बता दें कि पार्टी निर्देश के मुताबिक पार्टी के नवनिर्वाचित 75 विधायकों और 10 विधान पारिषद सदस्यों को हर महीने 10 हजार रुपये पार्टी फंड में जमा करना है. मिली जानकारी अनुसार कई विधायकों और MLC ने ये रकम जमा करानी शुरू भी कर दी है.

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मिली जानकारी अनुसार केवल मौजूदा विधायक और पार्षद ही नहीं पूर्व विधायकों और पार्षदों को भी हर महीने चार हजार रुपये पार्टी फंड में जमा करने का निर्देश दिया गया है. इधर, आरजेडी के विधायकों और पार्षदों को हर महीने 10 हजार रुपये पार्टी फंड में जमा कराने के निर्देश पर जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने हमला बोला है.

अजय आलोक ने ट्वीट करते हुए लिखा है “पहले टिकट के लिए पैसा दो, जीतने के बाद तनख्वाह में कमीशन दो, हार गए तो पेंशन में कमीशन दो, अबे नोट खाते हो क्या? भूख की सीमा होती है, पैसे के मामले में लालू प्रसाद आपसे आगे निकल गया यह...कुबेर का राक्षसी साधक है यह”.