देश की संसद में इन दिनों मॉनसून सत्र चल रहा है, जहां ऑपरेशन सिंदूर पर बहस हो रही है. दस्तूर के मुताबिक सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं. राजनीतिक टोका-टोकी और व्यंग भरे अल्फाज भी कहे जा रहे हैं. मंगलवार को सदन में समस्तीपुर से सांसद शांभवी चौधरी भी एनडीए सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर पर बोलने के लिए खड़ी हुईं. 

शांभवी चौधरी ने संसद में क्या कहा?

इस दौरान उन्होंने कहा कि '2001 में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर पर हमला हुआ और ये लोग (कांग्रेस) चुप रहे.' यानी शांभवी चौधरी ने 2001 में भारत की संसद पर हमले के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया, लेकिन मजेदार बात यह है कि उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार नहीं बल्कि बीजेपी की सरकार थी. 

इतना ही नहीं, जब शांभवी चौधरी ने ये बात जोश भरे अंदाज में कही तो बगल में बैठे उनकी ही पार्टी के जमुई सांसद और चिराग पासवान के जीजा सांसद अरुण भारती मेज थपथापे नजर आए, लेकिन उन्हें भी ये याद नहीं रहा कि उनकी पार्टी की सांसद यह भी भूल गईं कि कौन सा हमला किस सरकार के दौरान हुआ था. अब बैठे बिठाए विपक्ष को बोलना का बड़ा मुद्दा दे दिया. 

शांभवी चौधरी की भूल पर तंज

इस पर बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता शक्ति यादव ने पोस्ट कर शांभवी चौधरी की भूल पर तंज कसा है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "ये मूर्ख महोदया संसद भवन को गया कॉलेज का परीक्षा भवन समझ लिया है जहां से चोरी करके ये परीक्षा पास कर लेती हैं, जहां बिना परीक्षा दिए इनके JDU वाले मंत्री पिता अशोक चौधरी प्रोफेसर बन जाते हैं."

शक्ति यादव ने आगे कहा, लोक सभा मानसून सत्र में समस्तीपुर कि सांसद शांभवी चौधरी 2001 के संसद हमले के लिए कांग्रेस से सवाल कर रही हैं, जिसे ये नहीं पता कि 2001 में भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे, और तो और पीछे बैठे नालन्दा के JDU सांसद कौशलेंद्र कुमार और बगल में बैठे जमुई सांसद अरुण भारती इस मूर्खता और अज्ञानतापूर्ण का समर्थन करते हुए मेज थपथपा रहे."

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