बिहार में महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने पर मचे सियासी बवाल के बीच आरजेडी (RJD) के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को अब तक सार्वजनिक रूप से माफी मांग लेनी चाहिए थी. उन्होंने माफी नहीं मांगी, ये बेहद दुखद है. अब तक सफाई दे देनी चाहिए थी लेकिन चुप्पी साधे हुए हैं. इस घटना ने बिहार को शर्मसार कर दिया.
आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा, ''महिला डॉक्टर नुसरत परवीन के दिल पर जो चोट पहुंची है, उससे उबरने में उन्हें काफी वक्त लगेगा. मुझे लगता है कि वो इसलिए नौकरी ज्वाइन नहीं कर रही हैं. नीतीश मानसिक रूप से बीमार हैं तो इस तरह के कार्यक्रम में उनको भाग नहीं लेना चाहिए.''
'हिजाब पहनकर नियुक्ति पत्र लेने में कुछ भी गलत नहीं'
उन्होंने आगे कहा, ''यह सेकुलर देश है. सबकी अपनी धार्मिक आस्था है. नियुक्ति पत्र हिजाब पहनकर लेने आयी, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. धार्मिक परंपराओं का पालन करने का अधिकार सभी को है. उन्होंने अपने कायदे को मेंटेन रखा. हिजाब पर बैन की मांग करके BJP संविधान की धज्जियां उड़ा रही है.''
15 दिसंबर को नियुक्ति पत्र देने के दौरान विवाद
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वायरल वीडियो में एक महिला का हिजाब हटाते दिख रहे हैं. दरअसल, यह विवाद 15 दिसंबर को तब शुरू हुआ जब सीएम नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद हॉल में 1,283 आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांटे. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भी समारोह के दौरान मंच पर मौजूद थे.
सत्ता पक्ष के नेता विपक्ष पर अनावश्यक रूप से मुद्दे को राजनीतिकरण करने का आरोप लगा रहे हैं. सत्ता पक्ष के नेताओं का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार ने महिला डॉक्टर से पिता या अभिभावक की तरह व्यवहार किया. तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों के ज्यादातर नेता इस मुद्दे पर बिहार की एनडीए सरकार को घेरने में जुटे हैं.