बीजेपी के सीनियर नेता और संघ विचारक राकेश सिन्हा पर डबल वोटिंग के आरोप लगे हैं. विपक्ष ने फोटो जारी करते हुए कहा कि दिल्ली और बिहार दोनों विधानसभा चुनावों में उन्होंने मतदान किया है. विपक्ष ने इसे 'वोट चोरी' का प्रमाण बताया. इस पर राकेश सिन्हा ने प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमने नियम का पालन किया है और अपने मतदाता पंजीकरण को विधिवत रूप से बदलवाया है. कांग्रेस वाले मंद बुद्धि के हैं. बिना तथ्यों को जांचे आरोप लगाते हैं.
BJP नेता राकेश सिन्हा ने कहा, ''पहले दिल्ली की मतदाता सूची में मेरा नाम था. मैंने वहां की मतदाता सूची से नाम हटाकर अपनी पुश्तैनी गांव जो बिहार के बेगूसराय के मन सेरपुर में है, वहां की मतदाता सूची में मैंने अपना नाम डलवा दिया है. सिर्फ बिहार की मतदाता सूची में नाम है. मनसेर पुर उनका स्थायी पता है.''
कांग्रेस को मुझसे माफी मांगनी चाहिए- राकेश सिन्हा
पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा, ''बिहार की सियासत में सक्रिय हूं और रहना चाहता हूं. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह असम में राज्य सभा चुनाव लड़ने गये थे तो क्या वो असम के नागरिक थे. क्या वहां पुश्तैनी मकान था? कांग्रेस के कई नेताओं का उदाहरण दे सकता हूं. कांग्रेस को मुझसे माफी मांगनी चाहिए.''
'एक-एक घुसपैठियों को बाहर किया जाएगा'
राकेश सिन्हा ने बिहार में दूसरे फेज के मतदान को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ''दूसरे चरण में सीमांचल में वोटिंग है. वहां बड़ी संख्या में घुसपैठिए हैं. इस चुनाव के बाद घुसपैठियों से मुक्त सीमांचल बनेगा. एक एक घुसपैठियों को बाहर किया जाएगा. घुसपैठिए बिहार के संसाधनों पर कब्जा करना चाहते हैं. रोहिंग्या हो या घुसपैठिया जो भी अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया है सबको बाहर किया जायेगा. इस बार बिहार में सरकार बनने के बाद घुसपैठियों को निकाला जायेगा.''
जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष का कहना है कि केंद्र में 11 साल से मोदी की सरकार है. घुसपैठिये आये तो यह केंद्र सरकार की नाकामी है. विपक्ष सवाल उठा रहा है कि SIR अभियान के दौरान चुनाव आयोग ने नहीं बताया कि बिहार में घुसपैठिया है या नहीं. इस पर उन्होंने कहा, ''बिहार में घुसपैठिए विभिन्न रूप में छिपे हुए हैं. अभी इतना समय नहीं था कि एक एक घुसपैठियों को चिन्हित किया जाता. घुसपैठ को विपक्ष सांप्रदायिक रूप देता है. घुसपैठियों को संरक्षण देता है.''
बिहार में रिकॉर्ड वोटिंग पर क्या बोले राकेश सिन्हा?
राकेश सिन्हा से जब पूछा गया कि बिहार में पहले चरण की वोटिंग हो गयी. 1952 के बाद पहली बार 64.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसके साथ ही सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड भी बन गया है. वोटिंग परसेंटेज क्या इशारा कर रहा है? फिर से नीतीश सरकार या बदलाव की बयार? इस पर उन्होंने कहा, ''यह मोदीनामा के कारण हो रहा है. मोदी ने केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं को बिहार में जमीन पर उतारा जिससे हर तबके को लाभ हुआ.''
बीजेपी नेता ने ये भी कहा, ''उसी तरह उसी मॉडल पर नीतीश कुमार ने बिहार में महिलाओं, हाशिये पर पड़े लोगों के हित में काम किया. मोदी जी के मॉडल को जिन राज्यों ने अपनाया है वहां एनडीए मजबूत हुआ है.''
'हताशा में विपक्षी पार्टियां अनर्गल प्रलाप कर रही'
जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष सवाल पूछ रहा है कि औपचारिक रूप से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री चेहरा एनडीए घोषित क्यों नहीं कर रहा है? इस पर उन्होंने कहा, ''नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA चुनाव लड़ रहा है. अमित शाह यह बात बोल चुके हैं. यह बात विपक्ष को समझ में नहीं आती. चुनाव हार रहे. हताशा में ऐसा अनर्गल प्रलाप करते हैं. 2020 में जेडीयू की कम सीटें थी, तब भी मोदीजी ने नीतीश को सीएम बनाया.''