पटना: बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. निशाने पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की महागठबंधन वाली सरकार है. बिहार के जमुई में मंगलवार (14 नवंबर) की सुबह दारोगा प्रभात रंजन की बालू माफिया ने ट्रैक्टर से कुचलकर जान ले ली. एक होमगार्ड का जवान घायल है. इस पर जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का अब बयान सामने आया है.


प्रशांत किशोर ने कानून व्यवस्था को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले छह महीने में जो लोगों के अंदर डर था इस महागठबंधन की सरकार को लेकर वो कहीं न कहीं चरितार्थ और बदतर होता दिख रहा है. अभी जो दारोगा की हत्या हो गई है ये उसका उदाहरण है. हाल ही में जब हम लोगों ने जोड़ा था तो पता चला कि इस साल 18 मुखियों की हत्या हुई है और करीब-करीब सात चुने गए सरपंच मारे गए हैं. बाकी मारपीट डकैती, अपहरण जैसी आपराधिक घटनाओं का तो हिसाब ही नहीं है.


'लॉ एंड ऑर्डर को लेकर लोगों के मन में था डर'


मंगलवार को जन संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में कुछ और चर्चा हो न हो लॉ एंड ऑर्डर की चर्चा जरूर होती है. जब मैंने पदयात्रा शुरू की थी तब महागठबंधन की सरकार बनी थी. बिहार में उस समय लोग दबी जुबान से आशंका जाहिर कर रहे थे कि महागठबंधन की सरकार बनी है, तो शायद लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ जाए. इसको लेकर लोगों के अंदर डर भी था.


प्रशांत किशोर ने कुछ महीने पहले की बातों को याद दिलाते हुए कहा कि पदयात्रा करके जब वह फरवरी-मार्च में सीवान पहुंचे थे तो उसके बाद से रोजाना कोई न कोई आदमी उन्हें लॉ एंड ऑर्डर के बारे में बताता है. 


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